लोकसभा चुनाव से पहले बने विपक्षी इंडि गठबंधन को झटका देते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव सभी सीटों पर अकेले लड़ेगी। साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि वह भविष्य में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में फिर से शामिल हो सकते हैं।
फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस अन्य राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन किए बिना अपनी योग्यता के आधार पर चुनाव लड़ेगी। हालांकि, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने एनडीए में लौटने की संभावना से इनकार नहीं किया।
अब्दुल्ला का कहना है कि इंडि गठबंधन के दलों के साथ सीट साझा करने की बातचीत विफल हो गई है। अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा कि जहां तक सीट बंटवारे का सवाल है, मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि नेशनल कॉन्फ्रेंस अपने बल पर चुनाव लड़ेगी। इसमें कोई दो राय नहीं है।
इंडि गठबंधन और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच दरारें पिछले महीने से ही दिखने लगी हैं। जनवरी में, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि अगर सीट-बंटवारे का फॉर्मूला जल्द तय नहीं किया गया तो कुछ विपक्षी दल एक अलग गठबंधन बना सकते हैं। वहीं, पिछले माह जम्मू क्षेत्र में नेशनल कॉन्फ्रेंस के कई शीर्ष नेता भाजपा में शामिल हुए थे। वर्ष, 2019 के लोकसभा चुनाव में, भाजपा और अब्दुल्ला की जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने तीन-तीन सीटें जीती थीं।
उल्लेखनीय है कि इंडि गठबंधन में सीट शेयरिंग के कारण दरार दिखाई दे रही है। जहां हाल ही में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की घोषणा के कुछ दिनों बाद आया है कि पार्टी पंजाब और चंडीगढ़ की सभी 14 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। दिल्ली में पार्टी ने कांग्रेस को सात लोकसभा सीटों में से सिर्फ एक सीट की पेशकश की है।
वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी कह चुकी है कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव भी अकेले लड़ेगी और उन्होंने अपने सभी सीट-बंटवारे प्रस्तावों को खारिज करने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया था।
यह भी पढ़ें- अनुच्छेद 35-ए: जम्मू कश्मीर के दलितों के उत्पीड़न की नींव रखने वाला संवैधानिक संशोधन