भारतीय सेना ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर की डल झील में प्रसिद्ध ‘चिनार बोट रेस’ 2024 का आयोजन किया। भारतीय सेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि ‘व्हाइट ग्लोब’ एनजीओ के सहयोग और झील संरक्षण और प्रबंधन प्राधिकरण (एलसीएमए) के सहयोग से चिनार बोट रेस 2024 (नौका दौड़) का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
उन्होंने जानकारी दी कि घाट नंबर-23 से चार चिनार और वापसी तक हुई दौड़ एक शानदार कार्यक्रम था, जिसने कश्मीर की समृद्ध संस्कृति और परंपरा का सन्देश भी दिया। साथ ही डल झील के संरक्षण के लिए किए जाने वाले प्रयासों को भी बढ़ावा मिला। इस कार्यक्रम में 60 नौकाओं ने भागीदारी की। प्रतिभागियों ने पुरस्कारों के लिए जमकर प्रतिस्पर्धा भी की।
दौड़ के विजेता को ट्रॉफी के साथ 10,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया और दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाले को क्रमशः 7,500 रुपये और 5,000 रुपये दिए गए। सेना के प्रवक्ता ने कहा कि कार्यक्रम में उनके प्रयासों और भागीदारी की सराहना देने के लिए शीर्ष 20 प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार भी वितरित किए गए।
चिनार बोट रेस 2024 का उद्देश्य न केवल प्रतिभागियों की एथलीट और प्रतिस्पर्धा की भावना को सामने रखना था, बल्कि कश्मीर की वाटर बॉडीज़ के संरक्षण के महत्व को भी उजागर करना था।
सेना के प्रवक्ता ने कहा, “भारतीय सेना, व्हाइट ग्लोब और LCMA के बीच सहयोग ने पारंपरिक खेलों के माध्यम से सामुदायिकता को बढ़ावा देते हुए डल झील के पारिस्थितिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के महत्व पर प्रकाश डाला है।”
उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दर्शक एकत्र हुए, स्थानीय लोग और पर्यटक प्रतिभागियों का उत्साह बढ़ाने के लिए डल झील के किनारे खड़े थे। यह क्षेत्र की जीवंत संस्कृति, लोगों और कश्मीर की प्राकृतिक सुंदरता के बीच मजबूत बंधन का भी एक प्रमाण था।
सेना सौहार्दपूर्ण सम्बन्ध और आम लोगों के बीच तालमेल बनाने के अपने प्रयास के तहत जम्मू-कश्मीर में खेल और मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित कर रही है। इसका एक लाभ ये ही होता है कि इससे भूकंप, बाढ़ आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सेना और लोगों में बेहतर सम्बन्ध एवं सौहार्द बनाने में मदद मिलती है। इसके अलावा स्थानीय युवाओं को सेना में शामिल होकर सम्मानजनक पेशा अपनाने के लिए भी प्रोत्साहन मिला है।