बीते हफ्ते आयोजित नो मनी फॉर टेरर मंत्रिस्तरीय सम्मलेन में भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने आतंकवादी संगठनों और उनकी गतिविधियों के लिए अप्रत्यक्ष रूप से वित्तपोषण में चैरिटी, एनजीओ, और क्राउड फंडिंग के इस्तेमाल को लेकर सभी देशों के सम्मिलित प्रतिनिधियों और अन्तरराष्ट्रीय संगठनों को अपने सम्बोधन से आगाह किया है।
डॉ एस जयशंकर ने नकली एनजीओ की भूमिकाओं को रेखांकित करते हुए कहा, “आतंकवादी संगठन और उनके अप्रत्यक्ष सहयोगी सामजिक कार्य करने के नाम पर नकली एनजीओ बनाने और उनके जरिए आतंकवादी गतिविधियों के लिए वित्तपोषण का कार्य करते हैं।”
पाकिस्तान पर, भारत में आतंकवाद फैलाने वाले जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तोएबा (LeT) जैसे आतंकवादी संगठनों को समर्थन और आश्रय देने के आरोप लगते रहे हैं। यह संगठन पाकिस्तान में नाम बदल-बदल कर सामाजिक कार्यों के नाम पर चंदा इकठ्ठा करने और उस पैसे का इस्तेमाल भारत में आतंकवाद फैलाने में करते रहे हैं।
नई तकनीकों का करते हैं इस्तेमाल
डॉ एस जयशंकर ने आगे कहा, “हाल के समय में यह भी पता चला है कि आतंकवादी संगठन मौद्रिक प्रवर्तन संरचनाओं से बचने के लिए नई-नई तकनीकों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं।”
नई वित्तीय तकनीकें जैसे ब्लॉकचैन तकनीक, बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी ने आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ लड़ाई को और भी चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
कश्मीर में पकड़ा गया नकली NGO
इसी महीने नवम्बर के पहले सप्ताह में भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने कश्मीर में ‘Islahi Falhi Relief Trust’ नामक चल रहे एक नकली एनजीओ के सदस्यों को गिरफ्तार किया। जांच पड़ताल करने पर पाया गया कि यह संगठन नार्थ कश्मीर में गरीब और ज़रुरतमंद परिवारों की मदद के नाम पर फंड इकठ्ठा करने का कार्य करता था।
यह संगठन इस फंड का इस्तेमाल पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी संगठनों के कहने पर कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों, कश्मीरी नौजवानों को आतंकवादी संगठनों में भर्ती कराने तथा राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए प्रलोभन देने का कार्य करता था।
पाकिस्तान का ग्रे लिस्ट से बाहर आना भारत के लिए चुनौती
फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर आने के बाद पाकिस्तान को उसके यहाँ स्थापित आतंकवादी संगठनों के तथाकथित सामाजिक संगठनों पर कार्रवाई करने को मजबूर होना पड़ा था। हाल ही में पाकिस्तान को FATF ने सख्त निर्देशों के साथ ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया है।
इसी दौरान छपी कुछ ख़बरों के हिसाब से पाकिस्तान में लश्कर के कमांडर हाफिज सईद के तथाकथित सामाजिक संगठन को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य करते हुए देखा गया है। आशंका है कि यह संगठन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य करने के नाम पर चंदा इकठ्ठा करने की कोशिश कर सकते हैं।
पाकिस्तान के इन आतंकवादी संगठनों के प्रति समर्थन भाव का इतिहास, आतंकवादी संगठनों का सामाजिक कार्यों के प्रति तथाकथित समर्पण और नकली एनजीओ द्वारा इनके वित्तपोषण का कार्य करना भारत और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक चुनौती के समान है।
विश्व समुदाय को सामूहिक रूप से करना होगा कार्य
पूरे विश्व को सामूहिक रूप से कार्य करते हुए ऐसे देश जो आतंकवाद को अभी भी जानबूझकर वित्तीय सहायता और सुरक्षित आश्रय प्रदान करने का कार्य करते हैं, उन्हें अलग-थलग करना चाहिए। इसके अलावा फ़र्ज़ी दान, नकली एनजीओ के खिलाफ ठोस कार्रवाई आतंकवाद को हराने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।