MUDA scam में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनकी पत्नी की मुसीबतें बढ़ती नजर आ रही हैं। खबर है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) सिद्धारमैया और उनकी पत्नी सहित अन्य के खिलाफ MUDA मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर सकता है।
जानकारी के अनुसार कर्नाटक लोकायुक्त द्वारा दर्ज की गई FIR के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) आज दिन के अंत तक या कल तक दर्ज की जा सकती है। इस संबंध में ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि , “हमारे पास एफआईआर और संबंधित मामले का विवरण है। यह PMLA के अंदर आता है। आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद जल्द ही मामला दर्ज किया जाएगा।”
ईडी का मामला दर्ज होने से मुख्यमंत्री और उनके परिवार की संपत्तियों की कुर्की के अलावा और भी कठोर कदम उठाए जा सकते हैं।
आपको बता दें कि कर्नाटक लोकायुक्त पुलिस ने , 27 सितंबर को सिद्धारमैया और तीन अन्य पर 2021 में सीएम की पत्नी को 14 MUDA (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) आवास स्थलों के कथित आवंटन के संबंध में भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में मामला दर्ज किया था।
लोकायुक्त पुलिस की मैसूर इकाई ने आरटीआई कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा की निजी शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की, जिसे 25 सितंबर को निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए एक विशेष अदालत द्वारा एजेंसी को भेजा गया था।
सिद्धारमैया के अलावा, एफआईआर में उनकी पत्नी बी एम पार्वती, उनके बहनोई मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू नामक एक पूर्व जमींदार का नाम भी शामिल है।
लोकायुक्त एफआईआर दर्ज होने के बाद, मामले में शिकायतकर्ता ने आगे की कार्रवाई के लिए ईडी से भी संपर्क किया था। हालांकि, एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी पहले से ही मामले पर काम कर रही है। राज्यपाल और विशेष अदालत से संपर्क करने वाले कार्यकर्ताओं के अनुसार, कथित अवैध भूमि विनिमय से राज्य को 56 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
जब से यह मामला सामने आया है तब से कर्नाटक सरकार ने ‘लोकतांत्रिक’ तरीके से कई अहम रास्ते अपनाए हैं। जैसे कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने वाली आरटीआई कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा पर केस किया जा चुका है। साथ ही कांग्रेस सरकार ने राज्य में जांच के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) को दी जाने वाली सामान्य सहमति को भी वापस ले लिया है।
शायद ये डर ईडी और सीबीआई की सक्रियता को लेकर है। आखिर इस साल की शुरुआत में, दो मुख्यमंत्रियों – झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी द्वारा दर्ज मामलों के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। कई महीनों तक जेल में रहने के बाद हाल ही में दोनों को जमानत मिली है।
अरविंद केजरीवाल तो मुख्यमंत्री का पद भी छोड़ चुके हैं। अब पिछले वर्ष ही नए-नए मुख्यमंत्री बने सिद्धारमैया राज्य का हर दरवाजा केंद्रीय जांच एजेंसियों के लिए बंद कर देना चाहते हैं। इसके लिए सीधा पॉलिटिकल पास केंद्र पर जांच एजेंसियों को कंट्रोल करने के रूप में मिल ही रखा है।
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