स्वयं को आम आदमी कहने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं ‘कट्टर ईमानदार’ पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल का घरेलू बिजली बिल वास्तव में हर एक आम आदमी को आश्चर्यचकित और सोचने पर मजबूर कर सकता है कि यह कैसे आम आदमी हैं?
एक्टिविस्ट विवेक पांडे ने 11/06/2022 को एक आरटीआई दिल्ली सरकार के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट को दायर की थी। जिसमे वर्ष 2015 से लेकर 2022 के मध्य मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के घर के बिजली के बिल में खर्च रुपयों की जानकारी मांगी गई थी। इसका उत्तर 26/07/2022 को डाक के माध्यम से प्राप्त हुआ।
आरटीआई का जवाब
19/03/2015 से लेकर 01/04/2022 के बीच दिल्ली सरकार ने ₹1 करोड़ 32 लाख से ज्यादा करदाताओं के पैसे मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के घरेलू बिजली बिल में खर्च कर दिए गए। इसको अगर हम सालाना बांटें, तो एक साल में लगभग ₹22 लाख रुपए खर्च किए गए। इसी को अगर महीने में बांट दें तो यह ₹1लाख 83 हजार बैठेगा।
आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार बिजली के बिल को दो भाग में बांटा गया एक मुख्यमंत्री जी के आवासीय ऑफिस का तो दूसरा उनके आवास का।
अरविन्द केजरीवाल के आवासीय ऑफिस का बिल
आवासीय ऑफिस के आंकडे देखे तो वर्ष 2015 में यह धनराशि ₹8,39,986 थी। वर्ष 2016 में ₹3,35,930, वर्ष 2017 में ₹99,290, वर्ष 2018 में ₹2,49,990, वर्ष 2019 में ₹3,94,838, वर्ष 2020 में ₹2,38,690, वर्ष 2021 में ₹3,70,560 और वर्ष 2022 में ₹1,13,330 खर्च किए गए।
वर्ष 2015 से लेकर अप्रैल 2022 के बीच दिल्ली मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के आवासीय ऑफिस का बिजली का बिल कुल ₹26,42,614 आया ।
अरविन्द केजरीवाल के आवास का बिजली का बिल
अब मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के आवास की बात करें तो आप हैरान हो जाएंगे कि ऐसा क्या उनके घर पर उपयोग में लाया जा रहा है जो 2015 से लेकर अप्रैल 2022 तक उनके द्वारा दिल्ली करदाताओं के ₹1,06,53,080 बिजली के बिल के रूप में खर्च कर दिए गए हैं?
वर्ष 2015 में ₹1,31,760, वर्ष 2016 में ₹12,61,470, वर्ष 2017 में ₹16,23,470, वर्ष 2018 में ₹17,69,560, वर्ष 2019 में ₹18,97,310, वर्ष 2020 में ₹16,33,800, वर्ष 2021 में ₹16,77,280, एवं 2022 में अप्रैल माह तक ₹6,58,430 खर्च किए जा चुके हैं।
आवास का औसत बिल देखा जाए तो प्रति महीने ₹1 लाख से ज्यादा ही रहा है। वहीं वर्ष 2022 में यह ₹2 लाख प्रति महीने पर पहुंच गया है।
पहले भी हो चुकी है आलोचना
वर्ष 2015 में एक्टिविस्ट विवेक गर्ग द्वारा दायर आरटीआई में यह जानकारी सामने आयी कि अप्रैल और मई के महीनों में दिल्ली मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का बिजली का बिल तकरीबन ₹91,000 था।
वर्ष 2019 में विवेक गर्ग के ही एक अन्य आरटीआई से पता चला था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का दो महीने की अवधि में बिजली बिल का ₹1 लाख रुपये से अधिक था। आरटीआई कार्यकर्ता विवेक गर्ग द्वारा हासिल किए गए दस्तावेजों से पता चलता है कि केजरीवाल को ₹55,999 और ₹65,780 के दो बिजली के बिल मिले थे।
आम आदमी बनने की राय देते रहे हैं अरविन्द केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल सत्ता में आने से पहले और आने के बाद अन्य राजनीतिक दलों एवं उनके मंत्रियो को सीख देते देखे गए हैं कि हम आम आदमी हैं, हमें जनता की सेवा के लिए चुना गया है , हमे वीआईपी कल्चर को खत्म करना है पर वह स्वयं ही जनता के करोड़ों रूपये अपने आराम के लिए बिजली के बिल के रूप में उड़ा रहे हैं।
यदि यही पैसे उन्हें अपनी जेब से देने होते तो शायद वह बिजली की बचत करते, और इतना बिल ना भी आता पर जब पैसे जनता के हों तो बिल लाखों में आए या करोड़ों, में उससे कट्टर ईमानदार मुख्यमंत्री जी को कोई फर्क नही पड़ता।