प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में कोलकाता में आठ स्थानों पर छापेमारी की कार्रवाई की है। यह छापेमापी साल्ट लेक में ममता बनर्जी सरकार में मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक के स्थानों पर हुई है। साथ ही नागेरबाजार इलाके में मंत्री के निजी सहायक के फ्लैट पर भी छापेमारी की गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह कार्रवाई राशन वितरण में भ्रष्टाचार के एक मामले में मलिक की कथित संलिप्तता के संबंध में की गई थी। ज्ञात हो कि 63 वर्षीय राज्य मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक ने वर्ष, 2021 में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में उत्तर 24 परगना में हाबरा निर्वाचन क्षेत्र जीता था। वह वर्तमान में वन मामलों के मंत्री हैं। हालांकि इससे पूर्व मलिक के पास बंगाल सरकार में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग था।
ज्योतिप्रिय मलिक पेशे से वकील भी हैं और रिपोर्ट्स की मानें को उनके पास 6 करोड़ रुपए की संपत्ति है। साथ ही अभी तक उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं है। ज्योतिप्रिय मलिक ने 2019-20 में 40 लाख रुपए, 2018-19 में 52 लाख रुपए और 2017-18 में 12 लाख रुपए की कमाई की थी। साथ ही उनके चुनावी हलफनामे के अनुसार मलिक के पास 22,000 रुपए नकद और बैंक खाते में 4.8 करोड़ रुपए जमा थे।
उल्लेखनीय है कि प्रवर्तन निदेशालय ने हाल ही में कोलकाता के व्यवसायी बकीबुर रहमान की भी करीब 100 करोड़ रुपए से अधिक की धन-संपत्ति को ट्रेक किया था। इस जांच में सामने आया था कि बकीबुर रहमान ने अपने रिश्तेदारों के नाम पर 95 संपत्तियों की खरीद की थी। इसके अलावा उसके खुद के पास 7000 वर्गफुट वाले चार फ्लैट थे। इनके अलावा भी दुबई में उसने दो हाई फ्लैट ले रखे थे। बंगाल में ही बकीबुर रहमान के करीबियों के नाम पर 51 एकड़ की जमीन रजिस्टर्ड थी। इसके बाद हाल ही में एजेंसी द्वारा पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपए के राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में उसे गिरफ्तार कर लिया था।
गौरतलब है कि बकीबुर के टीएमसी के साथ काफी करीबी संबंध बताए जाते हैं। माना जा रहा है कि बकीबुर से पूछताछ के बाद ही ईडी ने ज्योतिप्रिय मलिक के आवासों पर छापेमारी की है। जाहिर है कि ईडी की रडार पर ममता सरकार के कई मंत्री हैं। इनमें से कुछ फिलहाल जेल में भी है। वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा भी ईडी की रडार पर हैं।
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