प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा हिमाचल प्रदेश में छात्रवृत्ति घोटाले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ईडी ने बृहस्पतिवार (अगस्त 31, 2023) को जानकारी दी है कि राज्य के एससी, एसटी और ओबीसी छात्रों को छात्रवृति देने में 200 करोड़ रुपए के कथित घोटाले से जुड़े मामले में उच्च शिक्षा निदेशालय के एक पूर्व अधिकारी सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया है।
उल्लेखीय है कि ईडी ने इन सभी को धन शोधन निवारण अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act) के तहत गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार होने वाले लोगों में ASAMS शिक्षा समूह के साझेदार राजदीप जोसन और कृष्ण कुमार, केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस (पंडोगा स्थित) के उपाध्यक्ष हितेश गांधी और हिमाचल प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय की छात्रवृत्ति शाखा के पूर्व अधिकारी अरविंद राजटा को बुधवार को हिरासत में लिया गया था।
ईडी ने जानकारी दी है कि शिमला में एक विशेष पीएमएलए अदालत ने उन्हें 5 दिनों की हिरासत में भेज दिया है। जांच एजेंसी का आरोप है कि जोसन और कुमार ने ASAMS शिक्षा समूह और कौशल विकास सोसायटी के माध्यम से मनगढ़ंत दस्तावेज पेश कर के अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक योजना के तहत छात्रवृत्ति का दावा किया है।
साथ ही, हितेश गांधी की अध्यक्षता वाले केसी समूह के संस्थानों ने छात्रवृत्ति के लिए फर्जी दावे किए थे और इन दावों को राजटा द्वारा सत्यापित किया गया था। ईडी की जांच में सामने आया है कि गांधी ने छात्रों के बैंक खाते में वितरित छात्रवृत्ति को केसी समूह के संस्थानों के बैंक खातों में स्थानांतरित किया गया था।
उल्लेखनीय है कि यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक एफआईआर के बाद सामने आया था। जिसमें यह आरोप लगाया गया कि हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग, निजी संस्थान और बैंकों के अधिकारी 200 करोड़ रुपए से अधिक की छात्रवृत्ति निधि के वितरण में बड़े पैमाने पर हेराफेरी में शामिल रहे हैं।
जांच एजेंसी द्वारा इस मामले में अगस्त 29, 2023 को हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली के 24 स्थानों पर छापेमारी भी की गई थी। इस कार्रवाई में 75 लाख रुपए की नकदी जब्त की गई थी। साथ ही बैंक खातों में पड़े 2.55 करोड़ रुपए की राशि को फ्रीज किया गया था।
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