बीते 21 जनवरी को केन्द्रीय एजेंसी ईडी ने पश्चिम बंगाल से सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के युवा एक नेता को गिरफ्तार किया है। पूरा मामला राज्य में नौकरी के नाम पर हुए एक घोटाले से जुड़ा हुआ है, जहाँ हजारों युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे ठगी की गई।
गिरफ्तार किए गए नेता का नाम कुंतल घोष है, घोष को उसके कोलकाता स्थित फ़्लैट से गिरफ्तार किया गया है। जांच एजेंसियों को इस मामले में घोष की 3 फरवरी तक की रिमांड मिली है। घोष पर आरोप है कि उसने नौकरी के झांसे में लेकर लगभग 300 लोगों से 19 करोड़ रुपए की रकम वसूली है।
मामला राज्य द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालयों से जुड़ा हुआ है, जहाँ भर्ती के नाम पर लोगों से ठगी की गई। इसी मामले में कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल की सरकार में पूर्व मंत्री पार्था चटर्जी की एक करीबी अर्पिता मुखर्जी के फ़्लैट पर छापेमारी करके जांच एजेंसियों ने लगभग 20 करोड़ रुपए बरामद किए थे। इसके अतिरिक्त एजेंसियों ने कई और संपत्तियों की जानकारी भी हासिल थीं।
यह भी पढ़ें: त्रिपुरा: भीड़ ने पूर्व CM बिप्लब देब के पुश्तैनी घर पर लगाई आग, BJP ने बताया ‘TMC का प्रभाव’
इस पूरे मामले में भर्ती के बाद कुछ अभ्यर्थी, भर्ती में घोटाले का आरोप लगते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट गए थे, हाई कोर्ट ने मामले की जांच आदेश दिए थे। लगातार जारी जांच में एक के बाद एक कई TMC नेता पकड़े जा रहे हैं। समाचार पत्र हिन्दुस्तान टाइम्स के अनुसार, इससे पहले हुगली से एक तापस मंडल नाम के नेता की गिरफ्तारी भी हुई थी।
इस पूरे मामले में TMC नेताओं पर आरोप हैं कि उन्होंने अलग-अलग स्तर पर भ्रष्टाचार कर 100 करोड़ रुपए जुटाए। गिरफ्तार किए गए घोष के फ़्लैट से कई महत्वपूर्ण कागज़ बरामद किए गए हैं।
वहीं घोष का कहना है कि यह सब साजिश है सूए मंडल ने फंसाया है क्योंकि उसकी डिमांड पर घोष ने पैसा नहीं दिया। TMC नेताओं ने इस पूरे मामले में केंद्र सरकार द्वारा जबरिया राज्य में सत्ता चला रही पार्टी को परेशान करने का आरोप लगाया है। राज्य के विपक्षी दल इस मामले में ममता बनर्जी की पार्टी पर हमलावर हैं।