राष्ट्रीय राजधानी में आज (अक्टूबर 2, 2024) दिल्ली पुलिस द्वारा सबसे बड़े ड्रग भंडाफोड़ में से करीब 2,000 करोड़ रुपये की कीमत का 560 किलोग्राम कोकीन जब्त किया गया है। साथ ही पुलिस ने मामले में चार लोगों को गिरफ्तार भी किया है। पुलिस के अनुसार गिरफ्तार किए गए लोगों ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कोकीन बेचने की योजना बनाई थी।
उन्होंने कहा कि स्पेशल सेल की टीम एक गुप्त सूचना के आधार पर दो महीने से अधिक समय से काम कर रही थी, जिसके कारण त्यौहारी सीजन से ठीक पहले यह भंडाफोड़ हुआ। पुलिस को शक है कि यह एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट है जिसे नई दिल्ली में अफगान नागरिक चला रहे थे।
बता दें कि ड्रग्स का जखीरा दक्षिणी दिल्ली के महरौली में बरामद किया गया है। देखने वाली बात यह है कि यह ड्रग भंडाफोड़ दो अन्य अफगान नागरिकों को कथित तौर पर एक सिंडिकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के कुछ ही दिनों बाद हुआ है। दोनों को शनिवार को तिलक नगर में छापेमारी के दौरान पकड़ा गया। पुलिस ने दो आरोपियों – हाशिमी मोहम्मद वारिस और अब्दुल नायब के कब्जे से 400 ग्राम हेरोइन और 160 ग्राम कोकीन बरामद की थी।
पकड़े गए आरोपियों में शामिल हाशिमी मोहम्मद वारिस जनवरी 2020 से शरणार्थी के तौर पर भारत में रह रहा है। उसका परिवार अफ़गानिस्तान में है। भारत आने के बाद, उसने विकासपुरी में एक केमिस्ट शॉप में हेल्पर के तौर पर काम किया। वह ड्रग्स के धंधे में तब आया जब उसके दोस्त ने उससे संपर्क किया और उसे दिल्ली और एनसीआर में अलग-अलग लोगों से खेप इकट्ठा करने के लिए कहा। वह उन्हें रिसीवर तक पहुंचाता था। पुलिस ने बताया कि उसे हर डिलीवरी के लिए 100 डॉलर मिलते थे।
वहीं, अन्य आरोपी नायह भी एक अफगान नागरिक ही है। पुलिस ने जानकारी दी है कि वो जनवरी 2020 में अपने पिता के साथ भारत आया था। वह एक पंजीकृत शरणार्थी है। उसके पिता को छोड़कर उसका पूरा परिवार अफगानिस्तान में रहता है। नायब की मुलाकात वारिस से विकासपुरी में एक केमिस्ट की दुकान पर हुई थी। पुलिस ने बताया कि वारिस ने नायब को लग्जरी लाइफ का झांसा देकर ड्रग के धंधे में शामिल कर लिया था।
जाहिर है कि पंजाब सहित देश के कई राज्यों में शरणार्थियों और घुसपैठियों द्वारा ड्रग्स का धंधा करने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इसी वर्ष की शुरुआत में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने चार लोगों को पकड़ा था जो मणिपुर और चार अन्य राज्यों के हिंसा प्रभावित इलाकों से ड्रग्स लेकर दिल्ली आ रहे थे और उन्हें दक्षिणी दिल्ली के क्लबों में बेच रहे थे। पुलिस ने बताया कि आरोपी किआ सेल्टोस और महिंद्रा थार का इस्तेमाल बढ़िया क्वालिटी की अफीम और हेरोइन की तस्करी के लिए करते थे, जिसकी कीमत करोड़ों में है। वे खुद को निर्माण कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी बताते थे जो इंफाल में सड़क निर्माण परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं और स्थानीय निवासियों से भारी मात्रा में ड्रग्स हासिल करने में कामयाब रहे।
यह भी पढ़ें- जेल से निकालकर केस ड्रॉप किए, विधायक बनाया.. जब प्लेन हाईजैकर्स को कांग्रेस ने किया पुरस्कृत