राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को मिली बड़ी जीत के बाद डीएमके सांसद डीएनवी सेंथिलकुमार ने मंगलवार संसद भवन में कहा कि देश के लोगों को यह एहसास होना चाहिए कि बीजेपी केवल हिंदी पट्टी के राज्यों जो कि ‘गोमूत्र राज्य’ कहे जाते हैं, में ही जीत दर्ज कर सकती है।
उल्लेखनीय है कि इस विवादित बयान के समय लोकसभा में जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 पर बहस हो रही थी।
बहस में बोलते हुए लोकसभा सांसद डीएनवी सेंथिलकुमार ने कहा था कि केंद्र शासित प्रदेश हमेशा राज्य बनने की ओर देखते हैं। लेकिन यह पहला मामला है जहां एक राज्य केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। बीजेपी ने हाल ही में कई राज्यों के चुनाव जीते हैं। जब वे नहीं हैं किसी राज्य को जीतने में सक्षम होने पर वे उसे केंद्र शासित प्रदेश बना देते हैं जहां वे राज्यपाल पर नियंत्रण रख सकते हैं और उनके माध्यम से शासन चला सकते हैं। अगर उन्हें वहां जीत का भरोसा होता तो वे ऐसा नहीं कर पाते।
उन्होंने आगे कहा कि इसलिए इस देश के लोगों को यह सोचना चाहिए कि भाजपा की ताकत मुख्य रूप से हिंदी के गढ़ राज्यों और जिन्हें हम आम तौर पर ‘गोमूत्र राज्य’ कहते हैं, वहां चुनाव जीतना है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास भारत के दक्षिणी हिस्से में चुनाव जीतने की कोई संभावना नहीं है।
डीएमके सांसद ने कहा कि भाजपा दक्षिण भारत नहीं आ सकती है। केरल, तमिलनाडु कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में हुए सभी नतीजे देखें, हम वहां बहुत मजबूत हैं। हालांकि द्रमुक सांसद की टिप्पणी के बाद से उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।
आलोचनाओं का सामना करने के बाद डीएमके सांसद ने आज संसद भवन में माफी मांग ली है। उन्होंने संसद भवन में कहा कि कल अनजाने में मेरे द्वारा दिया गया बयान, अगर इससे सदस्यों और लोगों के वर्गों की भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो मैं इसे वापस लेना चाहूंगा। मैं शब्दों को हटाने का अनुरोध करता हूं…मुझे इसका खेद है।
साथ ही उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि हाल के पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों पर टिप्पणी करते हुए मैंने एक शब्द का अनुचित तरीके से इस्तेमाल किया है। उस शब्द का इस्तेमाल किसी इरादे से नहीं कर रहा हूं, गलत अर्थ भेजने के लिए मैं माफी मांगता हूं।
इससे पहले उनके बयान के बाद तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने कहा था कि तमिलनाडु में सत्तारूढ़ दल की बातचीत का स्तर जमीन-आसमान पर पहुंच गया है। अन्नामलाई ने कहा कि द्रमुक के कुशासन के कारण चेन्नई डूब रही है और संसद में उनके भाषण का स्तर भी। हमारे उत्तर भारतीय मित्रों को पानी पुरी बेचने वाले, शौचालय बनाने वाले आदि कहने के बाद, आई.एन.डी.आई. गठबंधन के द्रमुक सांसद ने गोमूत्र पर कटाक्ष किया है।
इसके साथ ही अन्नमलाई ने बयान की निंदा करते हुए कहा कि डीएमके सांसद संभवतः भूल गए हैं कि एनडीए गठबंधन पुडुचेरी में सत्ता में है और हाल तक कर्नाटक में सत्ता में था। डीएमके का अहंकार उनके पतन का प्रमुख कारण होगा।
जाहिर है कि विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद से ही उत्तर बनाम दक्षिण जैसी बहसों के साथ सोशल मीडिया अटा पड़ा था। इसके बाद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को सलाह देते उन्हें अपने ‘अहंकार, झूठ, निराशावाद और अज्ञानता’ के साथ शांति से रहने के लिए कहा, जबकि लोगों को उनके ‘विभाजनकारी एजेंडे’ के बारे में जागरूक रहने के लिए कहा था।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स के जरिए भी पोस्ट कर विपक्ष पर निशाना साधा था और कहा कि विपक्ष को भविष्य में भी ऐसी कई ‘मेल्टडाउन’’ के लिए तैयार रहना होगा।
वहीं, केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री (MoS) अन्नपूर्णा देवी ने कहा था कि DMK द्वारा की गई टिप्पणी उनकी छिछली मानसिकता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों ने बीजेपी को वोट दिया है और उन्हें पीएम मोदी पर भरोसा है। जो लोग ऐसे बयान देते हैं उनकी मानसिकता छिछली है और वे दुनिया भर में प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता से ईर्ष्या करते हैं।
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