मानसून सत्र में विपक्ष के हंगामें के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ रही है। बृहस्पतिवार (जुलाई 27, 2023) को विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा दिया गया भाषण भी हंगामे की भेंट चढ़ गया। इसी के चलते एस जयशंकर द्वारा एक वीडियो के जरिए उनके भाषण की मुख्य बातें जारी की गई है।
संसद में उनके बयान को बार-बार बाधित किए जाने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार (28 जुलाई, 2023) को अपनी टिप्पणी पर जोर देकर वीडियो के माध्यम से दर्शकों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सहित कई भारतीय शीर्ष अधिकारियों के साथ उनकी पिछली महत्वपूर्ण उच्च-स्तरीय बैठकों के बारे में जानकारी दी है। साथ ही उन्होंने अन्य देशों की उनकी हालिया यात्राओं के बारे में भी बताया है।
अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर जानकारी देते हुए एस जयशंकर ने बताया कि कल भारतीय विदेश नीति में हाल के घटनाक्रम पर संसद में मेरे बयान को लगातार बाधित किया गया। यहां मेरी टिप्पणियों का एक अंश है।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश की उपस्थिति और हाल के घटनाक्रम पर जानकारी देते हुए विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी की संयुक्त राज्य अमेरिका, पापुआ न्यू गिनी और मिस्र की हालिया यात्राओं के महत्व पर जोर दिया। अपने वीडियो संदेश के इक्कीस मिनट के प्रसारण उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर इन विकासों के प्रभाव का उल्लेख किया।
विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 20-23 जून तक संयुक्त राज्य अमेरिका की आधिकारिक यात्रा किसी भारतीय प्रधानमंत्री की केवल दूसरी यात्रा थी। उन्हें दूसरी बार संयुक्त राज्य कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करने का दुर्लभ सम्मान दिया गया। विदेश मंत्री का कहना है कि अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने 21 जून को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में 9वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का नेतृत्व किया, जिसमें 135 देश शामिल हुए। यह एक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड है। प्रधानमंत्री ने जापान में जी7 शिखर सम्मेलन में 14 समकक्षों और संयुक्त राष्ट्र महासचिव से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की ऐतिहासिक यात्रा की, जिसका एक मुख्य आकर्षण प्रवासन और गतिशीलता साझेदारी समझौता पर हस्ताक्षर करना था।
डिफेंस क्षेत्र पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि हल्के लड़ाकू विमानों के लिए भारत में GE414 जेट इंजन के निर्माण के लिए GE एयरोस्पेस और HAL के बीच समझौते ने भारत के रक्षा क्षेत्र को एक महत्वपूर्ण लाभ दिया है। भारत दशकों से इस पर काम कर रहा है, और यह सफलता तकनीकी सहयोग में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करती है।
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एस जयशंकर ने इसरो और नासा पर बात करते हुए बताया कि दोनों भारतीय एजेंसियों ने शांतिपूर्ण उद्देश्यों और बाहरी अंतरिक्ष की खोज के लिए ARTEMIS समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके जरिए मानव अंतरिक्ष उड़ानों में सहयोग किया जाएगा। साथ ही समझौते के तहत 2024 में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक संयुक्त प्रयास भी शुरू किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि बृहस्पतिवार को लोकसभा में भारतीय विदेश नीति पर जयशंकर के बयान को विपक्ष के सदस्यों द्वारा बाधित करने के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पलटवार किया था। गोयल ने विपक्ष पर विरोध प्रदर्शन करते हुए अपने काले कपड़ों के पीछे अपने गलत कामों को छिपाने का प्रयास करने का आरोप लगाया था।
इससे पहले सत्र में, एस जयशंकर ने पिछले चार महीनों में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधान मंत्री की विदेशी व्यस्तताओं का विस्तृत सारांश प्रदान किया था। हालाँकि, विपक्षी सदस्यों की जोरदार नारेबाजी, ‘इंडिया, इंडिया’ के नारे के कारण मंत्री के बयान को स्पष्ट रूप से सुनना मुश्किल हो गया।
बता दें कि विपक्ष के विरोध के बाद सदन दोपहर दो बजे तक के स्थगन के बाद फिर से शुरू हुआ और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को व्यवस्था का प्रश्न उठाने की अनुमति दी गई। विदेश मंत्री के बयान के बाधित होने पर गोयल ने आपत्ति जताई और चौधरी को बोलने की इजाजत देने से इनकार कर दिया। इससे सरकार और विपक्ष के बीच हुई जुबानी जंग और मणिपुर मुद्दे पर नारेबाजी के कारण सदन की कार्यवाही को 20 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा था।
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