शुक्रवार (28 जुलाई, 2023) को संसद में एक बैठक में विपक्ष के ताजा गठबंधन I.N.D.I.A. के कई नेताओं ने NCP नेता शरद पवार को लेकर चिंता जताई है। यह चिंता 1 अगस्त को पुणे में होने वाले कार्यक्रम को लेकर है, जहाँ राकांपा (NCP) संरक्षक शरद पवार एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करेंगे। गठबंधन ने इस बात को लेकर चिंता व्यक्त की है कि ऐसे समय में, जब वे सरकार के साथ आमने-सामने की लड़ाई में उलझे हुए हैं और मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री मोदी से बयान की मांग कर रहे हैं, यह गठबंधन की दृष्टि से ख़राब पहल होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इस कार्यक्रम का आयोजन लोकमान्य तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। शरद पवार समारोह में मुख्य अतिथि होंगे।
अंग्रेजी समाचार पत्र ‘द हिन्दू’ के अनुसार, क्षेत्रीय पार्टी के नेताओं में से एक ने सबसे पहले इस मुद्दे को उठाया और इस पर अन्य सदस्यों ने निराशा व्यक्त की है। कई अन्य लोगों ने सुझाव दिया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे या किसी अन्य नेता को पवार से बात करनी चाहिए ताकि उन्हें इस कार्यक्रम में भाग लेने से रोका जा सके। बैठक में एनसीपी की राज्यसभा सदस्य वंदना चव्हाण पार्टी की एकमात्र प्रतिनिधि थीं, जिन्होंने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की।
यह बात भी सामने आई है कि बैठक में एक शीर्ष नेता ने टिप्पणी करते हुए कहा, “हम उन्हें जगा सकते हैं जो सो रहे हैं लेकिन क्या हम उन्हें जगा सकते हैं जो सोने का नाटक कर रहे हैं?”
केवल मणिपुर ही नहीं, आम आदमी पार्टी के नेताओं ने बताया कि दिल्ली सेवा विधेयक, जो सोमवार को लोकसभा में रखा गया है, मंगलवार को राज्यसभा में पेश किया जा सकता है। विपक्ष को विधेयक को हराने के लिए 100% उपस्थिति की आवश्यकता है। ‘द हिंदू’ ने विश्वस्त सूत्रों के हवाले से लिखा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शरद पवार से आग्रह करेंगे कि वह पुरस्कार समारोह में शामिल न हों और कानून पर मतदान के लिए उस दिन दिल्ली में ही रहें।
विपक्ष ने दिल्ली सेवा विधेयक पर बहस के लिए अपना विरोध स्थगित करने का फैसला किया है। राज्यसभा में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, जेएमएम नेता शिबू सोरेन और जेडीयू नेता बशिष्ठ नारायण सिंह समेत बीमार चल रहे तीन विपक्षी सांसद मौजूद रहेंगे। हालांकि विपक्ष के पास अभी भी तीन सदस्यों की कमी है – निलंबित सांसद कांग्रेस की रजनी पाटिल और आप के संजय सिंह के साथ। तीसरे सदस्य एनसीपी सांसद प्रफुल्ल पटेल हैं, जिन्होंने हाल ही में पाला बदला है।
जहाँ विपक्ष लोकसभा में कांग्रेस द्वारा पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव का इंतजार कर रहा है वहीं तृणमूल कांग्रेस इस विषय पर पश्चिम बंगाल विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश कर सकती है। ऐसा करने वाला यह पहला विपक्ष शासित राज्य होगा।
अन्य विपक्षी दलों के लिए भी इसी तरह का कदम उठाने का विचार किया गया था लेकिन तीन कांग्रेस शासित राज्यों (कर्नाटक, राजस्थान और छत्तीसगढ़) में विधानसभा सत्र हाल ही में समाप्त हुआ। राजस्थान और छत्तीसगढ़ दोनों के लिए राज्य में चुनाव से पहले यह आखिरी विधानसभा सत्र था।