रूस-यूक्रेन युद्ध में क्या एक नया मोड़ आने वाला है? इन दिनों यह बात सामरिक विशेषज्ञों की चर्चा में दिखाई दे रही है। लगभग नौ महीने से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध में अब परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की बातें होने लगी हैं। रूस ने यूक्रेन द्वारा ‘डर्टी बम’ के इस्तेमाल की आशंका जताई है।
रूस का आरोप है कि यूक्रेन अपनी जमीन पर ‘डर्टी बम’ का इस्तेमाल कर सकता है। संयुक्त राष्ट्र को लिखे अपने पत्र में रूस ने आरोप लगाया है कि यूक्रेन रूस पर दोष मढ़ने के लिए इस डर्टी बम विस्फोट करने की तैयारी कर रहा है और युद्ध को आगे बढ़ाने के लिए विवश कर रहा है।

इसी बीच, रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू ने भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से वार्ता की। शोइगू ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के साथ-साथ यूक्रेन द्वारा ‘डर्टी बम’ के संभावित इस्तेमाल को लेकर रूस की चिंताओं से भी अवगत करवाया। रूस के रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर यूक्रेन डर्टी बॉम्ब का इस्तेमाल करता है तो रूस इस हमले का जवाब अपने सामरिक परमाणु हथियारों से देगा।

भारत के रक्षा मंत्री ने इन हालातों पर चिंता जताते हुए किसी भी परिस्थिति में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को गलत ठहराया। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के परमाणु हथियार और डर्टी बॉम्ब का इस्तेमाल मानवता के सिद्धांतों के विरुद्ध होगा | साथ ही भारत ने इस मुद्दे पर अपनी स्थिति को पुनः स्पष्ट करते हुए कहा कि इस समस्या का हल जल्द से जल्द वार्ता और कूटनीति से निकालना चाहिए |
क्या होता है डर्टी बम
डर्टी बम को तकनीकी रूप से रेडियोलॉजिकल तत्वों को फैलाने वाले उपकरणों के रूप में जाना जाता है। डर्टी बम एक पारम्परिक हथियारों की तरह है। इसमें पारंपरिक विस्फोटकों जैसे- डायनामाइट आदि का उपयोग कर साथ में रेडियोधर्मी सामग्री रखी जाती है, जो विस्फोट के बाद चारों ओर फैल जाती है।
इसके बाद रेडियोधर्मी सामग्री से प्रदूषित वातावरण उस क्षेत्र में रह रहे लोगों के लिए विष के समान कार्य करता है और लोगों में रेडियोधर्मी सामग्री से जुड़ी हुई बीमारियों का कारण बनता है |
डर्टी बम का ‘सफल इस्तेमाल’ इतिहास में आज तक कभी नहीं हुआ है। वर्ष 1996 में मॉस्को में चेचन्या के विद्रोहियों ने अवश्य ऐसे प्रयोग किए थे, लेकिन उन्हें समय रहते निष्क्रिय कर दिया गया था। वर्ष 2002 में अमेरिका स्थित शिकागो में कुछ अपराधी डर्टी बम के इस्तेमाल के संदेह में क़ैद कर लिए गए थे।

डर्टी बम और परमाणु बम में अंतर
अमेरिका की परमाणु निगरानी संस्था (UNNRC ) के अनुसार डर्टी बम परमाणु बम नहीं है। परमाणु बम डर्टी बम के मुकाबले लाखों गुना अधिक शक्तिशाली होता है। हालाँकि, डर्टी बम बहुत सस्ती लागत और कम समय में तैयार ज़रूर किया जा सकता है।
इसकी सबसे बड़ी बात यह है कि इसका इस्तेमाल आबादी में करने से लोगों को कैन्सर जैसे भयानक रोग पकड़ सकते हैं।ये इलाक़े कई सदियों तक इंसानों के रहने लायक़ नहीं रह सकेंगे।
डर्टी बम परमाणु बम की तरह विनाशकारी नहीं है लेकिन यह बड़े पैमाने पर व्यवधान पैदा करने वाला हथियार है। डर्टी बम का इस्तेमाल युद्ध के मैदान के लिए नहीं हैं बल्कि शहरों में विशेष जगहों को निशाना बनाना के लिए किया जा सकता है।

पश्चिमी देशों का रुख
यूक्रेन के साथ-साथ फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने भी रूस के इन दावों को नकार दिया है। पश्चिमी देशों ने डर्टी बॉम्ब के संभावित इस्तेमाल को महज एक साजिश करार दिया।
अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने एक साझा बयान जारी करते हुए कहा है कि, रूस का यूक्रेन पर यह आरोप वास्तविक्ता से विपरीत है | रूस इन आरोपों की आड़ में यूक्रेन पर परमाणु हमले की साज़िश रच रहा है।

25 अक्टूबर को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस की ओर से परमाणु हमले के खतरे को लेकर कहा, “परमाणु हमला निश्चित रूप से रूस की बड़ी गलती होगी। अमेरिका लगातार रूस को परमाणु हमले को लेकर चेतावनी दे रहा है। उसने कई बार रूस को चेतावनी दी है कि वह गलती से भी यूक्रेन में परमाणु हमला न करे, नहीं तो इसके बुरे परिणाम भुगतने होंगे’’
रूस करवा सकता है खुद पर हमला – यूक्रेन
उधर यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि, रूस यूक्रेन पर परमाणु हमला करने की तैयारी कर रहा है, और इसको जायज़ ठहराने के लिए खुद पर डर्टी बम से हमला करवा सकता है।
दोनों देशों की ओर से अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष न केवल अपने पक्ष को रखने का प्रयास किया जा रहा है बल्कि भविष्य की अपनी कार्रवाई को सही ठहराने की भूमिका भी बनाई जा रही है।