अरविन्द केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों के निर्माण में बड़ा घोटाला किया है। दिल्ली के विजिलेंस निदेशालय की जाँच में पाया गया है कि आम आदमी पार्टी शासित दिल्ली के सरकारी स्कूलों के क्लासरूम के निर्माण में 1300 करोड़ रुपए का घोटाला किया है।
समाचार एजेन्सी एएनआई के मुताबिक अरविन्द केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के 193 सरकारी स्कूलों के 2,405 क्लासरूम बनवाने में गम्भीर अनियमितता पाई गई है, साथ ही, करोड़ों रुपए की हेरा-फेरी भी की गई है।
दिल्ली विजिलेंस निदेशालय ने अपनी यह रिपोर्ट मुख्य सचिव को भी सौंप दी है। इसके साथ ही विजिलेंस निदेशालय ने विशेष एजेन्सी के जरिए इस बड़े घोटाले की विस्तृत जाँच करने की भी सिफारिश की है।
विजिलेंस निदेशालय की रिपोर्ट के हवाले से एएनआई ने बताया है कि विजिलेंस विभाग ने शिक्षा विभाग और पीडब्ल्यूडी के सम्बन्धित अधिकारियों की जिम्मेदारियों को तय करने की भी सिफारिश की है, जो तकरीबन 1300 करोड़ रुपए के कथित घोटाले में शामिल हैं।
160 की जगह 1214 टॉयलेट बनवाए
इस रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि दिल्ली के 5 सरकारी स्कूलों में बिना किसी टेंडर के 42 करोड़ रुपए का काम करवा दिया गया। इसके अलावा, 194 स्कूलों में कुल 160 टॉयलेट ब्लॉक की आवश्यकता थी, जबकि आवश्यकता से अधिक 1,214 टॉयलेट ब्लॉक बना दिए गए। इससे 37 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार राज्य के राजकोष पर पड़ा है।
ढाई साल तक रिपोर्ट दबाता रहा निदेशालय
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली विजिलेंस निदेशालय बीते ढाई साल से इस जाँच रिपोर्ट को दबाता आया है। अगस्त, 2022 में उप-राज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव को तलब कर, सरकारी स्कूलों में हुए घोटाले की जाँच रिपोर्ट माँगी थी। इसके बाद विजिलेंस निदेशालय ने मुख्य सचिव को रिपोर्ट सौंप दी है।
सीवीसी कर चुका है, खुलासा
सेन्ट्रल विजिलेंस आयोग (CVC) ने भी फरवरी, 2020 में एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में लोक निर्माण विभाग द्वारा दिल्ली सरकार के स्कूलों में 2,400 से ज्यादा क्लासरूम के निर्माण में विभिन्न तरह की अनियमितताओं को उजागर किया था। विजिलेंस आयोग ने फरवरी 2020 में मामले पर टिप्पणी के लिए दिल्ली सरकार के विजिलेंस निदेशालय को रिपोर्ट भेजी थी।
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