देश की राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता सुधारने और कोयले के उपयोग करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (Commission for Air Quality Management in National Capital Region and Adjoining Areas) ने एक पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सरकारों से कहा है कि वे एनसीआर क्षेत्र में उपस्थित अपने कोयले के सप्लायरों को कोयला ना आवंटित करें।
इसी के साथ आयोग ने देश में कोयले की आपूर्ति करने वाली सरकारी कम्पनी कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) को भी कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में स्थित कोयले के व्यापरियों और स्टाकिस्टों को कोयला ना आवंटित करने की सलाह दी है।
गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों से राजधानी दिल्ली की हवा का स्तर सर्दियों के मौसम में लगातार बिगड़ता रहा है। जिसकी रोकथाम के लिए ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले ईंधन उत्पादों के उपयोग को कम किया जा रहा है। एनसीआर क्षेत्र में पुरानी डीजल गाड़ियों पर रोक भी इसी का एक हिस्सा है।
CAQM द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि आयोग लगातार दिल्ली में औद्योगिक इकाइयों को पाइपलाइन गैस और ऐसे ही अन्य स्वच्छ ऊर्जा के माध्यमों में बदलने के लिए प्रोत्साहित करता आया है। इसके लिए एनसीआर क्षेत्र में कोयले का उपयोग 1 जनवरी, 2023 से पूरी तरीके से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
इसके अतिरिक्त पत्र में यह भी बताया गया है कि ऐसी 84 इकाइयों को बंद कर दिया गया है जो आयोग के आदेशों का पालन नहीं कर रही थी। इस काम के लिए एनसीआर क्षेत्र स्वच्छ ईंधन की एक सूची भी जारी की गई है। दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में उपस्थित अधिकाँश इकाइयां इसमें शामिल ईंधन का उपयोग कर रही हैं।
इससे पहले दिल्ली में प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध, डीजल जनरेटरों पर रोक जैसे कदम उठाए गए थे।
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