दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार और उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के बीच की तकरार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल लगातार उप-राज्यपाल सक्सेना पर उनकी फाइलें रोकने का आरोप लगाते रहे हैं जबकि राजभवन अनियमितताओं को उजागर करते आया है।
ताजा मामला उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा केजरीवाल को भेजे गए पत्र का है, उपराज्यपाल सक्सेना ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा है कि मुझे यह देखकर प्रसन्नता हो रही है कि अब आप सरकार चलाने में भी रुचि ले रहे हैं। वहीं केजरीवाल ने भी इसका जवाब एक पत्र के माध्यम से दिया है। गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री पिछले कुछ माह से लगातार चुनावी राज्यों में दौरे कर रहे थे जिसके कारण दिल्ली में उनकी मौजूदगी कम हो गई थी।
कल यानी 9 जनवरी को लिखे गए एक पत्र में उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने CM केजरीवाल को लिखा कि अक्टूबर 2022 तक दोनों के बीच लगातार मुलाकातें ही रही थीं, परन्तु उसके पश्चात केजरीवाल द्वारा इसमें आपके द्वारा दिल्ली निगम चुनाव और राज्य चुनावों में व्यस्त होने के कारण मिलने में असमर्थता जताई गई।
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उप-राज्यपाल सक्सेना ने CM केजरीवाल से अपने पत्र में कहा है कि चूंकि अब चुनाव खत्म हो चुके हैं इसलिए अपनी सुविधानुसार वह तारीख निश्चित करके उनसे मुलाकात करें जिससे दिल्ली का विवाद रहित प्रशासन चलाया जा सके।
इसके जवाब में अरविन्द केजरीवाल ने भी एक पत्र लिख कर उपराज्यपाल को उत्तर दिया है। उन्होंने लिखा, “आपने अपने पत्र में व्यंग्यात्मक तरीके से लिखा है कि चुनावों के बाद मैं अब दिल्ली के प्रशासन पर ध्यान दे रहा हूँ। आम आदमी पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी है और इसका राष्ट्रीय संयोजक होने के नाते मुझे सब जगह जाना पड़ता है।”


आगे केजरीवाल ने उपराज्यपाल पर दिल्ली की सरकार को दरकिनार कर नियुक्तियां करने का आरोप लगाया, केजरीवाल ने लिखा कि नियमों के तहत यदि यह लिखा हुआ है कि राज्यपाल या प्रशासक नियुक्तियां करेगा इसका अर्थ यह है कि क्या अब सारे विभाग उपराज्यपाल चलाएंगें?
केजरीवाल ने कहा कि फिर दिल्ली की सरकार क्या करेगी? ताजा विवाद दिल्ली हज कमिटी में नियुक्तियों से जुड़ा हुआ है, जहाँ राज्यपाल सक्सेना ने 6 सदस्यों को इस कमिटी में शामिल किया है जिसमें भाजपा से सांसद गौतम गंभीर, आप विधायक हाजी युनुस और अब्दुल रहमान और कॉन्ग्रेस पार्षद नाजिया दानिश, मोहम्मद साद और कौसर जहाँ हैं।
आम आदमी पार्टी ने इन नियुक्तियों में भाजपा और कॉन्ग्रेस के बीच सांठगाँठ का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि लम्बे समय से दिल्ली की सरकार और उपराज्यपाल के बीच रस्साकशी चलती आ रही है। दिल्ली एक केन्द्रशासित प्रदेश है और कई क्षेत्रों में शक्तियां उपराज्यपाल और केंद्र सरकार के पास हैं।
हालाँकि, इन शक्तियों के तहत होने वाले कामों पर भी केजरीवाल सरकार ने कई बार नाराजगी जताई है। उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से पहले दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से भी केजरीवाल सरकार की प्रशासनिक उठापटक की खबरें लगातार आया करती थीं। ऐसे ही एक मौके पर केजरीवाल उपराज्यपाल के घर में धरने पर बैठ गए थे।
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