देश की राजधानी दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली के मुख्य सचिव को आम आदमी पार्टी से 97 करोड़ रुपए वसूलने के आदेश दिए हैं।
आदेश के अनुसार, AAP ने सरकारी पैसे का दुरूपयोग पार्टी के विज्ञापनों के लिए किया जो कि नियमों के अनुरूप नहीं है। इससे पहले एक रिपोर्ट ने भी दर्शाया था कि वर्ष 2012 से 2022 के बीच दिल्ली सरकार का प्रचार पर होने वाला खर्चा 4200% बढ़ गया है।
गौरतलब है कि AAP बड़े स्तर पर मोहल्ला क्लिनिक, फ्री बिजली और अन्य योजनाओं का विज्ञापन करती आई है। इसके साथ ही दिल्ली की AAP सरकार ने सरकारी पैसे का उपयोग पार्टी के विज्ञापनों पर किया। अब इसके वसूली के आदेश जारी हो गए हैं।
समाचार पत्र इन्डियन एक्सप्रेस के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के द्वारा बनाई गई कमिटी CGRGA के आदेशानुसार, सूचना और प्रचार निदेशालय ने पाया कि अभी तक ₹97 करोड़ रुपए ऐसे विज्ञापनों पर स्वीकृत किए जा चुके हैं जो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करते हैं। जिसमें ₹42.2 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। शेष ₹56.8 करोड़ का भुगतान अभी बाकी है।
निदेशालय ने 30 मार्च, 2017 को पत्र लिखकर AAP के संयोजक अरविन्द केजरीवाल को तुरंत इन 42 करोड़ रूपए सरकारी खजाने में जमा कराने को कहा था। इसके अतिरिक्त बाकी धनराशि को उन प्रकाशकों को दिया जाना था जिन्होंने यह विज्ञापन छापे थे।
इस कार्रवाई के पांच साल से अधिक समय होने के बाद भी आम आदमी पार्टी ने इस आदेश का पालन नहीं किया और साथ ही बचे हुए ₹54.8 करोड़ रुपए भी सूचना एवं प्रचार निदेशालय के द्वारा भुगतान कर दिए गए। रिपोर्ट के अनुसार, राज निवास (एलजी का आधिकारिक आवास) के अधिकारियों ने कहा कि कुल आठ मामलों में ₹20.5 करोड़ का भुगतान किया गया था।
यह सारे भुगतान वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने मंजूर किए जो कि इस विभाग के भी मंत्री है। इसके अतिरिक्त उन्होंने 27 करोड़ रूपए का भुगतान फर्जी आधार पर किया। एक ऐसे ही हास्यास्पद मामले में दिल्ली सरकार ने 41.6 लाख की लागत से ख़रीदे गए बायो डी-कम्पोजर के विज्ञापनों पर लगभग 17 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए।
जुलाई 2022 में द हिन्दू अख़बार में एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2012-13 में जहाँ दिल्ली सरकार ₹11.18 करोड़ खर्चा विज्ञापनों पर किया, वहीं अगले दस सालों में यह बढ़ कर 488 करोड़ रुपए पहुँच गया।
वहीं दूसरी तरफ AAP ने इसे केंद्र और भाजपा की साजिश बताया है, उन्होंने कहा है कि AAP अब एक राष्ट्रीय पार्टी बन गई है और भाजपा तथा दिल्ली के उपराज्यपाल कितना भी प्रयास कर लें पर हम दिल्ली के लोगों के लिए काम करना नहीं बंद करेंगें। AAP ने गवर्नर पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह केंद्र के इशारे पर काम कर रहे हैं।