आर्थिक गड़बड़ी और विदेशी फंड के हेरफेर के मामले में फंसा बीबीसी (BBC) अब एक और नई मुश्किल में फंसता नजर आ रहा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने एक NGO द्वारा दायर मुकदमे को सुनते हुए BBC द्वारा प्रधानमंत्री मोदी एवं गुजरात दंगों पर बनाई गई प्रॉप डॉक्यूमेंट्री को लेकर उसे समन भेजा है। बीबीसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि ख़राब करने के आरोप में 10,000 करोड़ रुपए की मानहानि लगाई गई है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुजरात के NGO ‘जस्टिस ऑन ट्रायल’ (Justice On Trial) द्वारा दायर किए गए मुकदमे पर सुनवाई करते हुए यह समन जारी किया। गौरतलब है कि बीबीसी ने प्रधानमंत्री मोदी पर उनके गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए गुजरात दंगों में उनकी भूमिका को लेकर दो हिस्सों में एक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी।
‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ नाम से बनाई गई इस डॉक्यूमेंट्री का भारत में जम कर विरोध हुआ था, विदेश मंत्रालय ने इसे पूर्वाग्रह और औपनिवेशिक मानसिकता से ग्रसित कृत्य बताया था। डॉक्यूमेंट्री को भारत में प्रसारित करने पर प्रतिबंध भी लगा दिया गया था।
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अब इस मामले में बीबीसी को समन भेजा गया है। दिल्ली हाईकोर्ट में NGO की तरफ से प्रख्यात वकील हरीश साल्वे इस मुकदमे की पैरवी कर रहे हैं। मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने यह समन जारी किए। NGO ने कहा है कि डॉक्यूमेंट्री भारत की छवि को धूमिल करती है।
न्यायिक मामलों की खबर देने वाली वेबसाइट लाइवलॉ के अनुसार, मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति दत्ता ने कहा कि दावा किया गया है कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री भारत, भारत के प्रधानमन्त्री और न्यायपालिका की छवि धूमिल करती है। ऐसे में बीबीसी को नोटिस जारी किया जाए।
गौरतलब है कि बीबीसी इस मामले के अतिरिक्त भी विदेशी निवेशों में हेरफेर करने और हिसाब में गड़बड़ी करने का आरोप झेल रहा है। इसी मामले में केन्द्रीय जाँच एजेंसियों ने उसके दफ्तरों में सर्वे भी किए थे। बताया गया था कि बीबीसी द्वारा चलाए जाने वाले ऑपरेशन और उसके राजस्व के आँकड़े आपस में मेल नहीं खाते।
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