भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर आरोप लगाया है कि उन्होंने दिल्ली आप (AAP) सरकार के भ्रष्ट मंत्री जो आबकारी नीति घोटाला मामले में लिप्त हैं, को कानूनी सहायता देने के लिए 25 करोड़ रुपए का भुगतान करने के लिए सार्वजनिक धन का उपयोग किया है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, “अरविन्द केजरीवाल सरकार के पास शिक्षकों और डॉक्टरों को वेतन देने के पैसे नहीं है।” उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “जनता अब समझ गई है कि आम आदमी पार्टी ‘कट्टर बेईमान’ पार्टी है और केजरीवाल अपनी सरकार चलाने वाले शराब ठेकेदारों के हाथों की कठपुतली बन गए हैं।”
भाजपा मुख्यालय में बीते बुधवार को आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए गौरव भाटिया ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को ‘विज्ञापनजीवी’ करार दिया।
भाजपा नेता का कहना है कि मोहल्ला क्लीनिक में काम करने वाले कई डॉक्टर और दिल्ली सरकार के अन्तर्गत आने वाले 12 कॉलेजों के शिक्षक, डीटीसी बसों में मार्शल के रूप में सुरक्षा के लिए तैनात 4,500 से अधिक होमगॉर्ड को पिछले तीन महीनों से वेतन नहीं दिया गया है।
गौरव भाटिया ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर भी निशाना साधते हुए कहा है कि मनीष सिसोदिया जैसे आरोपी मंत्री को बर्खास्त करने के बजाय उन्हें बचाने के लिए जनता के पैसे का इस्तेमाल करने से ज्यादा ‘शर्मनाक’ कुछ नहीं हो सकता है।
आबकारी नीति घोटाला
बता दें कि दिल्ली आबकारी नीति घोटाले की जाँच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है। रद्द की जा चुकी इस शराब नीति में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में ईडी ने 6 जनवरी को मामले में पाँच लोगों और सात कम्पनियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
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धन शोधन का यह मामला सीबीआई की एक FIR के बाद शुरू किया गया, जिसमें अन्य लोगों के साथ मनीष सिसोदिया को भी आरोपी बनाया गया।
सीबीआई ने मामला दर्ज करने के बाद उपमुख्यमंत्री और दिल्ली सरकार के कुछ नौकरशाहों के घर और परिसरों पर छापेमारी की।
दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश करने के बाद आबकारी योजना सवालों के घेरे में आ गई। उपराज्यपाल ने 11 आबकारी अधिकारियों को निलंबित भी किया था।