दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने 11 मई को अधिकारियों की नियुक्ति, तबादले और जांच संबंधित अधिकारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही कई अफसरों को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था। सूत्रों से यह जानकारी सामने आई है कि प्रताड़ित किए जाने वाले अफसरों को दिल्ली और पंजाब, दोंनो जगह से परेशान किया गया। यह भी सामने आया है कि इनमें से अधिकाँश अफसर केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच कर रहे थे।
सूत्रों से पता लगा है कि उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच जारी कानूनी लड़ाई का 11 मई को फैसला आने के बाद दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एक्शन मोड में आकर एक-एक करके इन अधिकारियों को परेशान करना चालू कर दिया, इनमें से अधिकांश आईएएस अधिकारी हैं।
बताया जा रहा है कि राजधानी दिल्ली के प्रशासन के 8 अफसरों को आम आदमी पार्टी की सरकार ने परेशान किया। हालाँकि, अब आम आदमी पार्टी के इन मंसूबों पर पानी फिर गया है क्योंकि 19 मई को केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश लाकर इन अफसरों की ट्रान्सफर पोस्टिंग से जुड़े अधिकारों को लेकर नए नियम बना दिए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रताड़ित किए जाने वाले अफसरों में सबसे पहला नाम 2005 बैच के AGMUT काडर के आईएएस ऑफिसर YVVJ राजशेखर का है। आरोप है कि राजशेखर को दिल्ली के सर्विसेस मामले के मंत्री सौरभ भारद्वाज के एक आदेश के जरिए उनके पदभार हटा दिए गए।
राजशेखर, दिल्ली शराब घोटाला, केजरीवाल के शीशमहल, दिल्ली जल बोर्ड घोटाला और विज्ञापन एजेंसियों को दी गई धनराशि में किए गर घोटाले जैसी अनियमितताओं की जांच कर रहे हैं। राजशेखर को आदेश दिया गया कि वह अब विजिलेसं विभाग के कोई भी मामले नहीं देखेंगे।
राजशेखर के दफ्तर से इन मामलों से जुड़ी हुई फाइलों को भी रात में ताला तोड़ कर सौरभ भारद्वाज ने मंगवा लिया। इसके पीछे एक NGO की शिकायत को आधार बनाया गया जबकि उस NGO ने बाद में ऐसी कोई भी शिकायत करने से इनकार किया।
सौरभ भारद्वाज द्वारा प्रताड़ित होने वाले अफसरों की सूची में दिल्ली के सबसे वरिष्ठ अधिकारी नरेश कुमार का भी नाम है। नरेश कुमार दिल्ली के मुख्य सचिव हैं और दिल्ली सरकार ने उनके तबादले के लिए केंद्र सरकार से अनुमति भी मांगी है।
नरेश कुमार को 16 मई को सौरभ भारद्वाज ने अपने दफ्तर में काम के समय के बाद बुलाकर सिविल सर्विसेस बोर्ड की एक बैठक बुलाने को कहा, नरेश कुमार ने कहा कि बैठक 16 मई की सुबह ही सौरभ के आदेशों के अनुसार एक बैठक बुलाई गई थी और उससे संबंधित फ़ाइल सौरभ के ही पास क्लियर की जानी है।
सौरभ ने 16 मई को सुबह 9:55 पर यह फ़ाइल क्लियर कर दी और व्हाट्सएप्प पर इससे जुड़ी जानकारियाँ साझा कर दी, फ़ाइल को बाद में नरेश कुमार के पास भेज दिया गया। 19 मई को सौरभ ने नरेश कुमार के ऊपर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगा दिया।
सौरभ भारद्वाज ने 16 मई के दिन अन्य कई अफसरों को भी प्रताड़ित किया है। सूत्रों के अनुसार, 16 मई को ही सौरभ के विभागीय सचिव आशीष मोरे को बुलाकर एक घंटे तक बैठाए रखा, इसके बाद सौरभ ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और उनसे एक सादे कागज पर दस्तखत करने को भी कहा। आशीष मोरे ने जब दस्तखत करने से मना किया तो उनको धमकाया गया। इस मामले में आशीष ने अपने उच्चाधिकारियों को सूचित किया है।
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के प्रशासनिक अधिकारियों को ही नहीं बल्कि पुलिस अधिकारियों को भी प्रताड़ित किया है। जानकारी के अनुसार, पंजाब से सम्बन्ध रखने वाले आईपीएस मधुर वर्मा जिनकी दिल्ली में एंटी करप्शन यूनिट में तैनाती है, उनके परिवार को भी आम आदमी पार्टी ने परेशान किया।
जानकारी के अनुसार, सितम्बर 2022 में अमानतुल्लाह खान पर कार्रवाई के बाद से ही पंजाब के लुधियाना में रहने वाले मधुर वर्मा के भाई डॉक्टर मिलन वर्मा को पार्टी के कार्यकर्ताओं की तरफ से परेशान किया जा रहा था।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के पाच दिनों के भीतर ही अफसरों को प्रताड़ित करने का सिलसिला महिला अफसरों तक भी पहुँच गया। दिल्ली में तैनात एक महिला आईएएस अफसर डॉ किनी सिंह के साथ भी सौरभ भारद्वाज ने 16 मई को अपने दफ्तर में बुलाकर बदतमीजी की। किनी सिंह के सिविल सर्विसेस बोर्ड से संबंधित एक मामले से जुड़े कागज पर जबरदस्ती दस्तखत भी ले लिए गए।
दिल्ली में बिजली विभाग के सचिव को भी पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने प्रताड़ित किया। दिल्ली के बिजली सचिव शूरवीर सिंह के परिवार के पीछे पंजाब पुलिस लगाई गई, शूरवीर का ताल्लुक पंजाब से है।
उन्होंने दिल्ली में बिजली प्रदान करने वाली कम्पनियों में AAP के राज्यसभा सांसद के पुत्र और जैस्मिन शाह को नामित करके 21,000 करोड़ की गड़बड़ियों पर सवाल उठाए थे। शूरवीर सिंह इस मामले में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट का रुख कर चुके हैं।
दिल्ली के एक और अफसर अमिताभ जोशी के साथ भी सौरभ भारद्वाज ने 16 मई को अपने दफ्तर में बुलाकर बदतमीजी की और उनसे कुछ फाइलों के बारे में पूछा, फाइलें ला देने पर अफसर से सादे कागज पर दस्तखत करने को कहा गया। अधिकारियों को परेशान करने का सिलसिला मात्र आईएएस या आईपीएस तक ही नहीं रुका बल्कि यह मामला राजस्व सेवा के अधिकारियों तक भी पहुंचा।
बताया जा रहा है कि दिल्ली के MCD की सत्ता पाने के बाद आम आदमी पार्टी ने यहाँ तैनात एक IRS अधिकारी कुणाल कश्यप के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया। दिल्ली की मेयर ने MCD कमिश्नर को एक पत्र भेज कर यह आरोप लगाया कि कुणाल कश्यप रिश्वत लेकर कर वसूली में ढिलाई कर रहे हैं। इसी आधार पर यह सिफारिश भी की गई कि वह उनको दिए गए चार्ज वापस ले लिए जाएं।
दिल्ली सरकार को ट्रान्सफर पोस्टिंग से जुड़े अधिकार मिलते ही अधिकारियों की प्रताड़ना करने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले एक बार और दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव अंशू प्रकाश से भी एक बैठक में मारपीट का मामला सामने आया था। इस मामले में विधायक अमान्तुल्लाह खान का नाम सामने आया था।
अफसरों को प्रताड़ित करने के मामले सामने आने के कुछ ही दिन बाद अब केंद्र सरकार ने इस मामले में अध्यादेश लाकर बदलाव किए हैं। वहीं दूसरी और केजरीवाल ने कहा है कि वह जुलाई में इस मामले में सुप्रीम कोर्ट वापस जाएंगे।
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