राजस्थान के करौली जिले से एक दलित युवती के साथ हैवानियत का मामला सामने आया है। करौली के नादौती थाना क्षेत्र में एक 19 वर्षीय दलित युवती को अगवा करके उसके साथ रेप किया गया। आरोपितों ने शव की पहचान छुपाने के लिए उसे गोली मारने के बाद एसिड से जलाया और फिर कुंए में फेंक दिया।
पुलिस के अनुसार उन्हें बृहस्पतिवार (13-07-2023) की रात करीब 9 बजे भीलपाड़ा के पास कुंए में शव होने की जानकारी मिली थी। पुलिस टीम द्वारा युवती के शव को कुंए से बाहर निकाल लिया गया है। साथ ही शव की पहचान करके इसे पोस्टमार्टम के लिए भी भेज दिया गया है।
नादौती थाना पुलिस अधिकारी बाबूलाल ने जानकारी दी कि पीड़िता टोडाभीम क्षेत्र के मोहनपुरा की रहने वाली है। बुधवार (12-07-2023) को युवती अपने घर से लापता हो गई थी। परिवार वालों ने युवती के अपहरण के बाद हत्या करने का आरोप लगाया है। वहीं युवती का शव एसिड के कारण क्षत-विक्षत था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है।
वहीं घटना सामने आने पर स्थानीय लोग जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मामले की जानकारी मिलने पर राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी राजकीय अस्पताल हिंडौन सिटी पहुँचे जहां युवती को पोस्टमार्टम के लिए लाया गया था। सांसद ने ग्रामीणों के साथ मिलकर आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है।
विपक्ष के नेताओं की कार्रवाई की मांग और लोगों में बढ़े रोष के बीच कांग्रेसी नेता अपनी सरकार की जिम्मेदारी तक तय नहीं कर पा रहे हैं। पीड़िता को न्याय दिलवाने के बजाए मामले को जातिवाद का एंगल देकर नेता अपना पल्ला झाड़ लेने का प्रयास कर रहे हैं। करौली में सामने आए इस घिनौनी वारदात का वीडियो शेयर करते हुए कांग्रेसी नेता सुशील शिंदे ने इस अपराध के लिए कथित बाह्माण-बनिया मीडिया पर चुप रहने का दोष मढ़ दिया है। हालांकि वो यह नहीं बता पाएं हैं कि गहलोत सरकार द्वारा अब तक मामले का संज्ञान क्यों नहीं लिया गया है? दलितों के खिलाफ अत्याचार रोकने के लिए सरकार कोई कदम क्यों नहीं उठा रही है?
वहीं, दूसरी ओर मौके पर पहुँचे किरोड़ी लाल मीणा ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जघन्य हत्या होने के बाद भी पुलिस द्वारा मौके पर एफएसएल टीम नहीं बुलाई गई। पुलिस ने बिना जांच टीम के आए शव को उप-स्वास्थ्य केंद्र पहुँचा दिया। वहां महिला चिकित्सक नहीं मिली तो राजकीय अस्पताल लाया गया। इसके साथ ही सांसद ने राज्य सरकार से पीड़िता के परिवार को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता एवं सरकारी नौकरी देने की मांग भी की।
राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। वहीं राजसंमद सांसद दीया कुमारी एवं भरतपुर सांसद रंजिता कौली भी हिंडौन पहुँची और पीड़िता के परिवार से मुलाकात की। सांसद दीया कुमारी का कहना है कि दलति परिवार के प्रति शासन का रवैया असंवेदनशील रहा है।
जाहिर है राजस्थान में महिलाओं पर बढ़ता अत्याचार चिंता का विषय बन गया है। इससे पहले अप्रैल में भी उदयपुर में एक दलित बच्ची के साथ रेप का मामला सामने आया था। हालांकि दलितों और महिलाओं पर होते अत्याचार की घटनाओं के बाद भी राज्य सरकार इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाती नजर नहीं आती है।
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