देश का चालू खाता घाटा (Current Account Deficit) वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही में घट गया है। देश के केन्द्रीय बैंक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने यह जानकारी दी है। इसका कम होना देश की अर्थव्यवस्था और विदेशी मुद्रा भण्डार (Foreign Reserves) के हवाले से अच्छी सूचना है।
रिजर्व बैंक द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार देश का चालू खाता घाटा वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसम्बर) में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 2.2% रहा है। यह इसी वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में GDP का 3.7% था।
आँकड़ों में देखा जाए तो यह तीसरी तिमाही में 18.2 बिलियन डॉलर रहा है जो कि दूसरी तिमाही में 30.9 बिलियन डॉलर था। चालू खाते के घटने के का अर्थ यह है कि देश से बाहर जाने वाली विदेशी मुद्रा के मुकाबले में देश में आने वाली विदेशी मुद्रा में पहले की अपेक्षा बढ़ोतरी हुई है। इन दोनों के बीच का अंतर ही चालू खाता घाटा कहलाता है।
चालू खाता घाटे में आई कमी के पीछे विदेशों से आयात की जाने वाली वस्तुओं में कमी आना और देश से निर्यात किए जाने वाली वस्तुओं एवं सेवाओं में बढ़ोतरी होना है। विदेशों में रहने वाले भारतीयों(NRIs) द्वारा भेजे गए पैसों (रेमिटेंसेस) में भी बड़ी बढ़ोतरी इसके पीछे का एक बड़ा कारण है।
रिजर्व बैंक द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में वस्तुओं का आयात 78.3 बिलियन डॉलर था जो तीसरी तिमाही में घट कर 72.7 बिलियन डॉलर हो गया।
इसके पीछे देश में ही कई वस्तुओं का निर्माण प्रारंभ होना एक प्रमुख कारण हो सकता है। विदेशों से भारत आने वाले पैसे में भी पिछले वर्ष के इसी समयकाल की तुलना में 31.7% की बढ़ोतरी देखी गई है।
यह आँकड़ा तीसरी तिमाही में 30.8 बिलियन डॉलर रहा। इससे पहले विश्व बैंक ने भी एक अनुमान में बताया था कि वित्त वर्ष 2022-23 में विदेशों में रहने वाले भारतीय 100 बिलियन डॉलर से अधिक की धनराशि भारत भेजेंगे।
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रिपोर्ट में यह भी बताया गया गया है कि पिछले वर्ष के कुछ समय में विदेशी निवेश में हल्की गिरावट और विदेश को वापस जाने वाले निवेश में बढ़ोतरी आई है।
दरअसल, इसके पीछे का कारण अमेरिका की केन्द्रीय वित्त नियामक एजेंसी फेडरल रिज़र्व का ब्याज दरें बढ़ाना है। इसलिए ही निवेशक अपना पैसा भारत जैसे विकासशील देशों के बाजार से निकाल कर अमेरिका ले जा रहे थे।
हालाँकि अब इस में कमी आई है और भारत में निवेश फिर से तेजी से आना आरंभ हो गया है।
वहीं दूसरी ओर भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भी बढ़ा है। रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए आँकड़े के अनुसार, 24 मार्च तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार 578.7 बिलियन डॉलर हो गया है।
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इसमें एक सप्ताह के भीतर 5.9 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। गौरतलब है कि देश का विदेशी मुद्रा भण्डार पिछले वर्ष यूक्रेन-रूस के बीच संघर्ष चालू होने के पश्चात अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बेतहाशा बढोतरी के कारण घट रहा था।
हालाँकि, पिछले वर्ष के ही अक्टूबर माह के बाद से इसमें बढ़ोतरी होनी चालू हो गई थी। तब से एक-दो सप्ताह छोड़ कर लगातार इसमें बढ़ोतरी ही हुई है।