कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता सीआर केसवन ने आज बृहस्पतिवार (23 फरवरी, 2023) को कॉन्ग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। केसवन, भारत के पहले गवर्नर जनरल और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चक्रवर्ती राजगोपालाचारी (C Rajagopalachari) के पोते हैं।
सीआर केसवन दो दशक से भी अधिक समय से कॉन्ग्रेस पार्टी के सदस्य रहे हैं। साल 2001 में केसवन ने कॉन्ग्रेस पार्टी का हाथ थामा था। केसवन ने कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर बताया है कि वे इस्तीफा क्यों दे रहे हैं।
अपने इस्तीफे में सीआर केसवन ने लिखा है, “मैंने अपना सफल करियर छोड़कर साल 2001 में इस उद्देश्य से कॉन्ग्रेस पार्टी के साथ आया था ताकि देश को बेहतर बनाएंगे। भले ही यह यात्रा चुनौतियों भरी रही लेकिन मुझे राज्यमंत्री का दर्जा मिला और मैंने कई अहम पदों पर कार्य भी किया। मैं इसके लिए पार्टी और सोनिया गाँधी जी को धन्यवाद देना चाहता हूँ।”
केसवन ने अपने पत्र में लिखा है, “जिन मूल्यों को देखते हुए दो दशक पहले मैंने कॉन्ग्रेस में काम करने का फैसला किया था, यह देखकर बहुत दुख होता है कि अब वे खत्म हो चुके हैं। मैं पार्टी के मौजूदा स्टैंड से सहमत नहीं हूँ इसीलिए मैंने राष्ट्रीय स्तर पर मिलने वाले पदों को भी स्वीकार नहीं किया और मैं ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से भी दूर रहा। मैं अब कॉन्ग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूँ।”
कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जन खड़गे को इस्तीफा सौंपने के बाद सी आर केसवन ने समाचार एजेन्सी ANI को एक इन्टरव्यू दिया।
इस इन्टरव्यू में केसवन ने वो तमाम कारण गिनाए जिनकी वजह से वे इस्तीफा देने को मजबूर हुए। उन्होंने कहा, “एक वरिष्ठ नेता ने सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगे, यह बेहद दुखदायक है।”
राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मु उम्मीदवारी पर कॉन्ग्रेस के तंज को लेकर केसवन ने कहा, “पार्टी के सीनियर नेताओं का द्रौपदी मुर्मु के प्रतिनिधित्व को बुरी फिलॉसफी कहना यह सही नहीं है, कोई भी व्यक्ति इससे सहमत नहीं हो सकता है।”
केसवन का कहना है कि “जब आप देश की सेवा करना चाहते हों और आपको वो माहौल नहीं मिल रहा हो तो मुझे लगा कि अब यहाँ नहीं रुकना चाहिए।”