कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत को नई ताकत मिली है। भारत बायोटेक द्वारा विकसित नेजल वैक्सीन, यानी नाक के रास्ते दी जाने वाली वैक्सीन को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की मंजूरी मिल गई है। एक ट्वीट में भारत के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख एल मांडविया ने यह जानकारी दी।
साथ ही इस वैक्सीन को भारत में दवाओं के उपयोग को मंजूरी देने वाली संस्था DCGI की तरफ से 18 वर्ष से ज्यादा आयु के व्यक्तियों के लिए आपातकालीन उपयोग की मंजूरी भी मिल गई है।
स्वास्थ्य मंत्री ने किया एलान
इस वैक्सीन को मंजूरी मिलने की जानकारी देते हुए भारत के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख एल मांडविया ने लिखा, “भारत को कोविड – 19के खिलाफ लड़ाई में नई ताकत मिली है। भारत बायोटेक की ChAd36-SARS-CoV-S COVID-19 वैक्सीन को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने 18 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों के लिए आकस्मिक स्थिति में उपयोग करने की मंजूरी दे दी है।”
आगे उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा “ यह कदम हमारी महामारी के खिलाफ एकजुट लड़ाई को और मजबूत करेगा। भारत ने प्रधानमंत्री मोदीजी के नेतृत्व में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में विज्ञान, अनुसंधान और विकास तथा मानव संसाधनों का बेहतरीन उपयोग किया है।”
नेजल वैक्सीन का सफ़र
आपातकालीन मंजूरी पाने वाली यह वैक्सीन भारत में अपने तरह की पहली है। हालांकि, इसी साल फरवरी माह में ग्लेनमार्क कम्पनी ने एक नेजल स्प्रे कोरोना पीड़ित व्यक्तियों के लिए बाजार में उतारी थी।
भारत बायोटेक द्वारा विकसित की गई इस वैक्सीन को फरवरी 2021 में पहले चरण के ट्रायल की मंजूरी मिली थी जिन्हें भारत के कुछ शहरों में मार्च -अप्रैल 2021 के दौरान किया गया था।
इस सफल ट्रायल के बाद पिछले वर्ष 2021 के अगस्त माह में दूसरे एवं जनवरी, 2022 तीसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी दी गई थी जिन्हें इस वर्ष स्वतन्त्रता दिवस के मौके पर पूरा कर लिया गया।
इसके बाद कोरोना रोधी कोवैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक निर्मित इस नेजल वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी अब प्रदान कर दी गई है।
इन सफल ट्रायल और मंजूरी से माना जा रहा है कि आने वाले समय में यह नेजल वैक्सीन भारत की कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई को और मजबूती प्रदान करेगी जिससे देश को इस संकट से निजात मिल पाएगी।