हरियाणा के मेवात के नूंह में हिन्दू विरोधी दंगों की कवरेज को लेकर मीडिया का सेकुलर वर्ग नाराजगी जता रहा है। मीडिया का वाम और मजहबी गिरोह इस बात से नाराज है कि मुख्यधारा का मीडिया खासतौर पर न्यूज 18 हिन्दी और उसके पत्रकार अमन चोपड़ा मेवात दंगों के दंगाइयों जो कि मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, उन पर कार्रवाई की बात कर रहे हैं।
मामला क्या है?
दरअसल, मेवात हिंसा के दिन पत्रकार अमन चोपड़ा ने अपने शो में कहा था कि “कितने पत्थरबाज, कब पर्मानेंट इलाज?”, “बरेली टू मेवात, सारे कट्टरपंथी आए साथ?”
अमन चोपड़ा की इन बातों से मजहबी पत्रकार बौखला गए हैं। उनकी बौखलाहट का अन्दाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पूरी लॉबी एक टूलकिट की तरह व्यवहार कर रही है और अमन चोपड़ा, न्यूज 18 और मुकेश अंबानी को घेरने का प्रयास कर रही है।
इस टूलकिट को चलाने का काम सबसे पहले राहुल देव नामक पत्रकार ने किया। राहुल देव अमन चोपड़ा के शो के कुछ स्क्रीनशॉट ट्विटर पर शेयर कर पूछते हैं कि इस चैनल से पूछना चाहिए उनका पर्मांनेंट इलाज क्या है?
अब एक-एक कर पूरी लॉबी अमन चोपड़ा के विरुद्ध अभियान चलाने लगती है।
रवीश कुमार विपक्षी नेताओं को सलाह देते हैं कि उन्हें मुकेश अंबानी के पास जाना चाहिए और कहना चाहिए कि उनके चैनल पर बैठे एंकर जहर फैला रहे हैं।
इसके बाद पत्रकार से यूट्यूबर बने अजीत अंजुम, द वायर की पत्रकार रोहिणी सिंह, साक्षी जोशी इस अभियान को आगे बढ़ाते हैं और न्यूज 18 के चेयरमैन आदिल जैनुल भाई को ट्विटर पर टैग कर पूछते हैं कि क्या आप ऐसे शो को मान्यता दे रहे हैं?
अमन चोपड़ा ने क्या कहा?
अमन चोपड़ा ने टूलकिट का जवाब देते हुए कहा है कि पत्थरबाजी के परमानेंट इलाज के मेरे विचार से आपको कष्ट क्यों हो रहा है? वे कहते हैं, मुझे आपको या आपको मुझे पहचानने में भूल हो सकती है लेकिन ये कट्टरपंथी पत्थरबाज तो समाज के हर वर्ग दुश्मन हैं।
अमन चोपड़ा पूछते हैं कि अब तक पाँच लोगों की जान लेने वाले समाज के इन असली कलंक कट्टरपंथियों से किसी को सहानुभूति कैसे हो सकती है। वे कहते हैं कि पत्थर हिन्दू को भी लग सकता है और मुसलमान को भी। इसका इलाज जरूरी है जैसे कश्मीर में इलाज हुआ तो अब पत्थरबाजी नहीं हो रही है।
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राहुल गाँधी की बात दोहरा रही है टूलकिट
राहुल गाँधी अक्सर भाजपा की आड़ में भारतीय व्यवसायियों के खिलाफ बोलते हुए देखे जा सकते हैं। इसी कड़ी में राहुल गाँधी कहते हैं कि इनके जो चैनल हैं ये भी नफरत फैलाने का काम करते हैं। 24 घण्टे हिन्दू-मुस्लिम।
अब इसी कड़ी में कांग्रेसी ट्रोल्स ने मुकेश अंबानी को घेरना शुरू कर दिया है। AZY नामक एक ट्टिटर ट्रोल कहता है कि अगर अंबानी अब भी अमन चोपड़ा को बर्खास्त नहीं करते हैं तो उन्हें हत्या और हिंसा में भागीदार माना जाना चाहिए।
पत्थरबाजी का इलाज में समस्या क्या है?
अमन चोपड़ा के समर्थन में भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर आए हैं। राठौर ने अपने आधिकारिक ट्टिटर हैंडल पर कहा है कि दंगों का परमानेंट सॉल्यूशन होना चाहिए, इसमें क्या गलत बात है? क्या दंगों का परमानेंट सॉल्यूशन नहीं होना चाहिए या दंगें होते रहने चाहिए? क्या अलग-अलग समुदाय के लिए अलग कानून होने चाहिए या देश के कानून के हिसाब से चलना चाहिए?
राज्यवर्धन राठौर कहते हैं कि कश्मीर के अन्दर पत्थरबाजी होती थी उसका तकरीबन परमानेंट सॉल्यूशन हो गया है। जब इच्छाशक्ति होती है, प्रदेश या देश की लीडरशिप में तो परमानेंट सॉल्यूशन निकलता है।
अमन चोपड़ा की ओर संकेत करते हुए राठौर कहते हैं कि किसी न्यूज चैनल के एंकर अगर जनता और देश की सरकार को यह कह रहे हैं कि परमानेंट सॉल्यूशन होना चाहिए, तो इसमें लेफ्ट लॉबी क्यों लोगों को भड़का रही है? उनके दिमाग में क्या चल रहा है, क्या विजुआलाइजेशन चल रही है उनके दिमाग के अन्दर, यह उनकी बीमारी है, एंकर की नहीं।
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