कॉन्ग्रेस नेता और 2019 के लोकसभा में चुनावों में लखनऊ से प्रत्याशी रहे आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कॉन्ग्रेस के नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कई ट्वीट करके राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कॉन्ग्रेस के कई नेताओं पर निशाना साधा है।
आचार्य प्रमोद का यह रुख कॉन्ग्रेस की वर्किंग कमेटी की सूची बाहर आने के बाद देखने को मिला है जिसमें उन्हें शामिल नहीं किया गया। कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को 84 सदस्यों वाली कॉन्ग्रेस वर्किंग कमेटी की घोषणा की, यह कमेटी ही पार्टी के सभी महत्वपूर्ण निर्णय लेती है।
आचार्य प्रमोद कृष्णम को इस कमेटी में जगह नहीं दी गई है। कल उन्होंने इस सम्बन्ध में कहा था कि नाम-जप और परिक्रमा बढ़ाने से ही कृपा आएगी। उन्होंने यह बात तब कही जब पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते विभाकर शास्त्री ने CWC में शामिल ना किए जाने को लेकर कहा कि लगता है मेरी तपस्या में कुछ कमी रह गई।
आज उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक ट्वीट पर भी करारा हमला बोला। अशोक गहलोत ने ट्विटर पर अपनी एक फोटो डालते हुए लिखा था, “अध्ययन, लेखन, मनन, 2030 का मिशन!”, इस पर प्रमोद कृष्णम ने लिखा, “भ्रष्टाचार,बलात्कार “लूट खसोट” और खनन, नासिर-जुनैद की हत्या “लाल डायरी” और गमन। ”
गौरतलब है कि अपनी ही पार्टी की राज्य सरकार पर ऐसा हमला बोल कर प्रमोद कृष्णम ने अपनी नाराजगी जता दी है। इसके पश्चात एक पत्रकार द्वारा यह कहे जाने पर कि आचार्य को CWC में शामिल किया जाना चाहिए, उन्होंने लिखा, “पार्टी के कुछ बड़े नेताओं को मेरी ‘वेशभूषा’ और ‘तिलक’ से चिढ़ है, जिन्हें मैं इस जन्म में नहीं छोड़ सकता।”

प्रमोद कृष्णम लगातार टीवी बहसों में दिखाई पड़ते हैं और कॉन्ग्रेस का पक्ष रखते हैं। उनके इस बयान पर लोगों ने प्रश्न किया है कि आखिर कॉन्ग्रेस में ऐसे बड़े नेता कौन हैं जिन्हें तिलक और साधुओं वाली वेशभूषा से चिढ़ है? कुछ लोगों ने यह भी कहा कि कॉन्ग्रेस को मात्र टोपी से प्यार है।
यह भी पढ़ें: कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार ने मंदिरों के विकास का पैसा रोका, विरोध के बाद रद्द किया आदेश