कर्नाटक में जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस ने तेंलगाना से उम्मीद लगा रखी है। पार्टी के नेता राहुल गांधी ने यहां बड़ी संख्या में रैलियां और सभाओं में भाग लिया है। वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का कहना है कि कांग्रेस अब तेलंगाना में जीत दर्ज करने वाली है। कांग्रेस राज्य में सरकार बनाने के साथ ही राज्य में लोगों से की गई गारंटियों को लागू करगी और केसीआर सरकार खोने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस शत-प्रतिशत तेलंगाना की सत्ता में आएगी। हम अपनी गारंटियों को लागू करेंगे। सिद्धारमैया ने दावा किया है कि कांग्रेस ने कभी भी लोगों को धोखा नहीं दिया है। कर्नाटक की अर्थव्यवस्था बहुत अच्छी और मजबूत है। हमने कर्नाटक से भी चुनावी वादों को पूरा किया है।
वहीं सिद्धारमैया के दावे से इतर तेलंगाना में कांग्रेस के लिए राजनीतिक जमीन कमजोर होने के संकेत मिल रहे हैं। टाइम्स नाऊ की रिपोर्ट के अनुसार उनके सोर्स ने बताया है कि कांग्रेस तेलंगाना से अपने विधायकों को कर्नाटक स्थानांतरित कर सकती है। उनकी रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस को शक है कि चुनाव परिणाम में अंको पर बात अटकने पर बीआरएस उनके विधायकों से संपर्क साध सकती है। ऐसे में पार्टी कर्नाटक में अपने विधायक भेज कर उन्हें सुरक्षित करना चाह रही है।
कांग्रेस सत्ता में आने के लिए कोई अवसर नहीं खोना चाहती। ऐसे में कर्नाटक सरकार की मदद लेते हुए वहां के एक रिसोर्ट में विधायकों को ठहराया जा रहा है। एक बार तेलंगाना में सरकार बनने के बाद ही इन्हें वापस लाया जाएगा।
जाहिर है कि तेलंगाना में राज्य विधानसभा में कुल सीटों की संख्या 119 है। कांग्रेस ने यहां पर कर्नाटक की तर्ज पर ही चुनाव अभियान चलाया हुआ है। यहां तक की पार्टी ने राज्य में कर्नाटक सरकार की 75 फीसदी कैबिनेट को मैदान में उतार दिया है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार भी तेलंगाना में पार्टी के लिए जोरो शोरों से प्रचार कर रहे हैं। ज्ञात हो कि राज्य में चुनाव प्रचार 28 नवंबर की शाम को थम जाएगा।
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