कांग्रेस ने एक बार फिर इसरायल के विरोध में अपना बयान जारी किया है। कांग्रेस पार्टी के महासचिव और मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने यह पूरा बयान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया है।
इसमें कहा गया है कि हमास के हमले के बाद इसरायल की कार्रवाई नरसंहारक है। नागरिकों, महिलाओं, बच्चों, अस्पतालों और आश्रय स्थलों को निशाना बनाना मानवता के मूल्यों और युद्ध के हर अंतरराष्ट्रीय मानदंड का उल्लंघन है।
इसमें कांग्रेस पार्टी अन्य राष्ट्रों पर भी निशाना साध रही है। बयान में कहा गया “यह चौंकाने वाली बात है कि कई प्रभावशाली देश, जो सुविधाजनक होने पर मानवाधिकार और न्याय की भाषा बोलना चुनते हैं, इसरायल के कार्यों को अपना समर्थन दे रहे हैं। यूक्रेन और गाजा में लागू किए जा रहे दोहरे मापदंड स्पष्ट हैं।”
ज्ञात हो कि हमास के हमले के ठीक बाद कांग्रेस ने अपनी कार्यसमिति की बैठक में एक प्रस्ताव पेश किया था, जिसमें कांग्रेस ने फिलिस्तीन का समर्थन तो किया लेकिन हमास के हमले का जिक्र नहीं किया। उस समय भाजपा ने कांग्रेस पर आतंक के समर्थन का आरोप लगाया। जबकि तथ्य ये है कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इसरायल में घुसकर 1,200 लोगों की नृशंस हत्या का दी थी। इसमें महिलाओं बच्चों समेत बुर्जुग व्यक्ति भी शामिल थे। लेकिन कांग्रेस पार्टी की ओर से कभी इस घटना को लेकर एक भी निंदा प्रस्ताव नहीं आया।
ऐसे में एक बार फिर कांग्रेस पर आतंकवादियों का समर्थन करने का आरोप लग रही है क्योंकि जिन अस्पतालों का जिक्र कांग्रेस ने अपने बयान में किया है, उन अस्पतालों में इजरायली डिफेंस फोर्स ने हमास द्वारा बनाई सुरंगें मिलने की बात कही है। यह घटना गाजा के अल शिफा अस्पताल की बताई जा रही है।
ये बात भी सामने आती रही है कि हमास के समर्थन में विश्वभर में रैलियां निकाली जा रही हैं और भारत में भी कई इस्लामी फैक्ट चेकर हमास के समर्थन में नैरेटिव बनाने के लिए अस्पताल, बच्चे और महिलाओं की तस्वीरों का सहारा ले रहे हैं।
वहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इस बयान में भारत सरकार से आग्रह कर कहा “भारत सरकार संयुक्त राज्य अमेरिका, इसरायल और यूरोपीय संघ की सरकारों पर दबाव बनाने के लिए हर संभव प्रयास करे ताकि गाजा में इज़राइल द्वारा की जा रही हिंसा को रोकने के लिए अपनी शक्ति का उपयोग कर सकें।”