कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के पास राज्य में विकास के लिए अब पर्याप्त धन नहीं बचा है। यह जानकारी कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने दी है।
उप-मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने राज्य भर के विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्य करने के लिए चालू वित्तीय वर्ष के दौरान धन के आवंटन से यह कहते हुए इनकार कर दिया है कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी चुनाव से पहले दी गई पांच गारंटियों को लागू करना है।
डीके शिवकुमार का यह बयान 11 कांग्रेसी विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को लिखे एक पत्र के वायरल होने के ठीक एक दिन बाद आया है।
दरअसल, 25 जुलाई को एक पत्र में इन विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में विकास कार्य करने के लिए धन का आवंटन न होने की बात पर नाराजगी व्यक्त की थी।
विधायक धैर्य रखें: CM सिद्धारमैया
शिवकुमार ने दोहराया है कि मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में सभी विधायकों को धैर्य रखने की सलाह दी थी।
उप-मुख्यमंत्री के पास जल संसाधन और बेंगलुरु शहरी विकास मंत्रालय भी है। अपने मंत्रालय को लेकर शिवकुमार का कहना है कि उनके जल संसाधन और सिंचाई विभाग को भी बजट में कोई धनराशि नहीं मिली है।
डीके का कहना है कि चूंकि सरकार को राज्य के लोगों के लिए कांग्रेस पार्टी द्वारा दी गई पांच गारंटियों को लागू करने के लिए भारी संसाधन जुटाने की जरूरत है इसलिए विधायकों को अपने सम्बन्धित निर्वाचन क्षेत्रों के लिए कम से कम इस वित्तीय वर्ष तो धन मिलने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में फैली इस अशांति से निपटने के लिए बृहस्पतिवार (27 जुलाई, 2023) को कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई है। डीके शिवकुमार का कहना है कि इस तथ्य पर भी विचार करना चाहिए कि अभी हमारी सरकार को मात्र 2 महीने ही हुए हैं।
कर्नाटक चुनाव से पहले पीएम मोदी ने कांग्रेस की फ्री की राजनीति पर तंज कसते हुए कहा भी था कि जिस पार्टी की ‘वारंटी’ ही समाप्त हो चुकी है तो उसकी ‘गारंटी’ (चुनावी वादों) का क्या मतलब है?
रेवड़ी कल्चर का असर
बदलती भारतीय राजनीति में चुनाव से पहले फ्री सुविधा देने का चलन बढ़ा है। हालाँकि, चुनाव समाप्त होने के कुछ ही दिन बाद फ्री की रेवड़ी की पोल खुल जाती है।
यही हाल पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद देखा गया। चुनाव से पहले 300 यूनिट फ्री बिजली के वादे का परिणाम यह है कि पंजाब का बिजली विभाग आज भी धन की कमी से जूझ रहा है। इसका असर यह हुआ है कि पंजाब की भगवंत मान सरकार को सरकारी कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए 500 करोड़ रुपए उधार लेने पड़े।
PM मोदी ने रेवड़ी कल्चर पर क्या कहा था?
रेवड़ी कल्चर पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि हमें देश की रेवड़ी कल्चर को हटाना है। रेवड़ी बांटने वाले कभी विकास के कार्यों जैसे, रोड नेटवर्क, रेल नेटवर्क का निर्माण नहीं करा सकते। ये अस्पताल, स्कूल और गरीबों को घर नहीं बनवा सकते। उन्होंने कहा, ये रेवड़ी कल्चर आने वाली पीढ़ियों के लिए घातक साबित होगा।
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