पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की बरसी के एक हफ्ते पूर्व ही कांग्रेस एक बार फिर अभिव्यक्ति की आजादी पर कथित रोक लगने पर रोने लगी है। दरअसल कांग्रेस और भाजपा के बीच इन दोनों सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग मीम और वीडियो की प्रतिस्पर्द्धा जारी है। इसी बीच भाजपा की आईटी सेल द्वारा जारी एक वीडियो से नाराज होकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने बीजेपी आईटी सेल के विरुद्ध आपराधिक शिकायत दर्ज कराने की बात की है। INC नेता जयराम रमेश ने 19 जून 2023 को एक ट्वीट में जानकारी दी है कि INC ने मामले में शामिल सभी व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज की है।
जयराम रमेश ने राहुल गांधी पर बने वीडियो को बीजेपी की हताशा और निराशा करार दिया है। वहीं बीजेपी आईटी सेल वीडियो के जरिए राहुल गांधी की विदेश यात्रा और इस दौरान सामने आए उनके कनेक्शन का जिक्र करके इसे खतरनाक बता रही है।
वैसे तो बीते कुछ समय से कांग्रेस और भाजपा का सोशल मीडिया पेज लगभग मीम हेंडल बन गया है जिसमें कांग्रेस लगातार प्रधानमंत्री मोदी और फिल्मों का रेफरेंस देकर ट्रोलिंग करती है और बीजेपी आईटी सेल इसे काउंटर करने के लिए कुछ जवाब देती है। अब ऐसे ही एक वीडियो में जयराम रमेश को अभिव्यक्ति की आजादी गर्त में जाते हुए दिख रही है तो यह उनकी कमी नहीं है। वह मानते हैं कि ट्रोलिंग से जबतक राहुल गांधी को बाहर रखा जाए अभिव्यक्ति की आजादी तभी तक बरकरार है।
बहरहाल कांग्रेस द्वारा बीजेपी आईटी सेल के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करवाया गया है। कर्नाटक के आईटी और जैव प्रौद्योगिकी मंत्री प्रियांक खड़गे ने सोमवार को भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा, पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय और भाजपा चंडीगढ़ इकाई के अध्यक्ष अरुण सूद के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज की। शिकायत में कांग्रेस पार्टी और उसके वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ – विशेष रूप से पूर्व सांसद राहुल गांधी के खिलाफ – भाजपा द्वारा साझा किए गए वायरल वीडियो के माध्यम से ‘दुर्भावनापूर्ण, झूठी और भड़काऊ सामग्री के प्रसार का दावा किया गया है।
ज्ञात हो कि राहुल गांधी की विदेश यात्राओं में भारत विरोधी संगठनों की सलंग्नता सामने आती रही है। पहले यूके की यात्रा के दौरान राहुल के एक कार्यक्रम में उन्होंने पाकिस्तान के कमल मुनीर, जो कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के ‘जज बिज़नेस स्कूल’ के प्रो वाइस चांसलर है के साथ मंच साझा किया था। वहीं हाल ही में उनकी अमेरिका की यात्रा के दौरान हुए कार्यक्रम में पाकिस्तान के जमात-ए-इस्लामी और मुस्लिम ब्रदरहुड से जुड़े मोर्चों का हाथ सामने आया था। ऐसे में जयराम रमेश और कांग्रेस नेता बीजेपी आईटी सेल को जेल भेजने के लिए आपराधिक मामला दर्ज करवा रहे हैं या स्वयं स्वीकार करने के लिए इसपर संशय बरकरार है।
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बहरहाल जयराम रमेश के ट्वीट करने के साथ ही इंटरनेट और सोशल मीडिया पर ऐक्टिव लोगों ने उन्हें याद दिलाना शुरू कर दिया है कि अभिव्यक्ति की आजादी राहुल गांधी के लिए ही खत्म नहीं होती। इससे पहले भी देश ने ऐसा समय देखा है जब बोलने के लिए जेल में डाल दिया जाता था। एक ट्वीटर यूजर ने कांग्रेस नेता के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, “याद है जब राजीव गांधी की सरकार ने प्रेस की स्वतंत्रता को गंभीर रूप से कम करने के लिए मानहानि विधेयक (1988) पारित किया था? राहुल उस राजीव गांधी के बेटे हैं।
एक अन्य ट्विटर यूजन ने लिखा कि मैं कांग्रेस में अधिक से अधिक जयराम रमेश सुप्रिया श्रीनेत जैसे नेताओं की कामना और प्रार्थना करता हूं ताकि बीजेपी का नेतृत्व 2024 के आम चुनाव में 400 लोकसभा सीटों को पार कर सके।
वहीं जयराम रमेश के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया यूजर्स को आपातकाल की याद भी आ गई, जब जून 25, 1975 को भारत की तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने राष्ट्रव्यापी आपातकाल लागू किया था। यह तब से भारतीय इतिहास का सबसे काला अध्याय रहा है। इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के दौरान, मीडिया को गंभीर रूप से दबा कर रखा गया था और राजनीतिक विरोधियों को जेल में डाल दिया गया था। व्यक्तिगत स्वतंत्रता को कुचल देने के साथ ही असंतुष्टों को मनमाने ढंग से गिरफ्तार कर लिया गया था और सत्ता का क्रूर केंद्रीकरण किया गया था।
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आपातकाल मार्च 21, 1977 तक रहा। लगातार मानवाधिकारों के उल्लंघन और व्यापक दमन की खबरें आईं क्योंकि इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार ने आलोचना को दबाने और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों और प्रेस को सेंसर करने के लिए व्यापक उपाय किए। मीडिया को भारी सेंसरशिप झेलनी पड़ी थी। यहां तक कि विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी भी कम से कम कुछ दिनों बाद तक खबरों में नहीं आई थी।
ऐसे में अब जयराम रमेश जब एफआईआर और विपक्ष के नेताओं के दिए गए बयानों पर जेल में डालने की बातें करते हैं तो लगता है कि भले ही देश आपातकाल से निकलकर एक स्वस्थ लोकतांत्रिक व्यवस्था का हिस्सा बन गया हो पर कांग्रेस आपातकाल को नहीं भूल पाई है। विपक्ष में ही सही कांग्रेसी नेताओं का मानना है कि राहुल गांधी या गांधी परिवार के सदस्य की आलोचना करने पर जेल का प्रावधान होना ही चाहिए। प्रश्न यह है कि; क्या यही कारण नहीं कि कुछ कांग्रेसी नेता गांधी परिवार के लिए अलग कानून की मांग करते हैं?