बिहार के एक सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेज द्वारा विवादास्पद आदेश दिया गया है। प्रदेश के सीवान जिले में स्थिति अल्पसंख्यक जेडए इस्लामिया पीजी कॉलेज ने पुरुष और महिला छात्रों को एक साथ बैठने या दोस्ताना भोज में शामिल होने की अनुमति पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही आदेश का उल्लंघन करने पर कॉलेज से निष्कासन की धमकी दी गई है।
बताया जा रहा है कि इस तरह का आदेश देने वाले यह राज्य में अपनी तरह का पहला मामला है और महिला अधिकारों के लिए लड़ने वाली कार्यकर्ताओं द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार आदेश कॉलेज की गवर्निंग बॉडी और प्रिंसिपल द्वारा जारी किया गया है जिसमें स्पष्ट किया गया है कि पुरुष और महिला छात्र एक साथ बैठे या चंचल टिप्पणियों का आदान-प्रदान करते पकड़े गए, तो उनका नामांकन रद्द कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस कॉलेज में मुख्यता पुरुष छात्रों का नामांकन ही होता रहा है। हालांकि हाल के वर्षों में महिला छात्राओं के बढ़ने से प्रशासन अनुशासन को लेकर नई रणनीति अपना रहा है।
कॉलेज अधिकारियों का दावा है कि आदेश का उद्देश्य परिसर में अनुशासन बनाए रखने और नियमित कक्षा उपस्थिति सुनिश्चित करना है। उनका कहना है कि फैसले का लक्ष्य मात्र परिसर में अनुशासन और मर्यादा को बढ़ावा देना है। साथ ही समाज में अनुचितता के लिए कोई जगह नहीं है।
गौरतलब है कि यह आदेश हाल ही में सामने आई उस घटना के बाद सामने आया है जिसमें दो महिला छात्राएं एक पुरुष छात्र के साथ संबंधों को लेकर विवाद में पड़ गई थीं। इस झगड़े का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो गया था। इसी वीडियो के बाद कॉलेज प्रशासन द्वारा संबंधित विद्यार्थियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।
कॉलेज के आदेश के विरोध में कुछ महिला अधिकार कार्यकर्ता आगे आए हैं। उनका तर्क है कि वयस्कों को यह तय करने का अधिकार है कि क्या सही है और क्या गलत। वहीं, कॉलेज अनुशासन लागू करने के अपने फैसले पर कायम है। हालांकि इस फैसले ने एक बार फिर व्यक्तिगत और संस्थागत अधिकारों के बीच टकराव के मुद्दे को हवा दे दी है।
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