चालू वित्त वर्ष के शुरुआती 8 महीनों में कोयले का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया है। इसी के साथ इस रिपोर्ट ने उन असत्य खबरों और अफवाहों को भी झूठा सिद्ध कर दिया है, जिनमें बड़े स्तर पर कोयले की कमी की बात कर देश में ऊर्जा संकट आने की बात कही गई थी।
सरकार ने उस समय भी स्पष्टीकरण दिया था कि ऐसा कोई भी संकट नहीं है और अपने बिजली संयंत्रों को चालू रखने के लिए देश में पर्याप्त कोयला मौजूद हैं लेकिन उस समय पश्चिमी मीडिया सहित देश के प्रमुख संस्थानों और कथित विशेषज्ञों ने सरकार के आश्वासन को नजरअंदाज कर दिया था।
अब सरकार द्वारा जारी की गई रिपोर्ट से पता चला है कि इस वर्ष के शुरुआती 6 महीनों में कोयले का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर रहा है। सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि इस साल के अप्रैल से नवम्बर माह के बीच 524 मिलियन मीट्रिक टन रहा है।
क्या कहती है रिपोर्ट?
रिपोर्ट के अनुसार, देश में चालू वित्त वर्ष 2022-23 के अप्रैल-नवम्बर के बीच कोयले का उत्पादन रिकॉर्ड 524 मिलियन टन रहा है जो पिछले वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान हुए उत्पादन से 17% अधिक है।
इस उत्पादन में सरकारी कोयला उत्पादन कम्पनी कोल इंडिया लिमिटेड का उत्पादन 412.6 मिलियन टन रहा। कोयले के उत्पादन के साथ ही साथ सरकार तेजी से कोयले की ढ़ुलाई और उसके संयत्रों तक पहुँचने के लिए भी बड़े प्रयास कर रही है।
इसी छमाही (अप्रैल-सितम्बर) में 557 मिलियन टन से अधिक कोयला आगे भेजा गया। पिछले वित्त वर्ष के इसी समय में यह आँकड़ा 519 मिलियन टन था। इस बार 7.4% की वृद्धि दर्ज की गई है।
बड़े स्तर पर फैलाई गई थी कोयला संकट की अफवाह
सामने आए आँकड़े असल सच्चाई बताते हैं जबकि इस साल के अप्रैल से लेकर अगस्त माह तक बड़े स्तर पर कोयले का संकट होने की अफवाहें फैलाई गईं थी।
बताया गया था कि देश में कोयले का संकट है, स्थानीय उत्पादन माँग को पूरा नहीं किया जा रहा है। इसके साथ यह भी कहा गया था कि विदेशों से भी कोयले का आयात मुश्किल होगा क्योंकि वहाँ भी उत्पादन कम रहा है।
देश-विदेश के प्रमुख मीडिया संस्थान, जैसे, रॉयटर्स, बीबीसी, वाशिंगटन पोस्ट, द हिन्दू, द प्रिंट ने यह बताने की कोशिश की थी कि देश में कोयले का भारी संकट खड़ा हो गया है और आने वाले समय में देश में बड़े स्तर पर बिजली की कमी होने वाली है।
इसी के साथ सनसनीखेज खबरें भी चलाई गई थी कि बिजली उत्पादन संयंत्रों में मात्र 48 घंटों से लेकर 72 घंटों के लिए कोयला शेष बचा है।
देश में लगातार बढ़ा है कोयले का उत्पादन
कोयला मंत्रालय के आँकड़ों पर नजर डाली जाए तो पिछले 10 सालों में कोयले का उत्पादन लगातार तेजी से बढ़ा है। कोयले का उत्पादन वर्ष 2012-13 में 556 मिलियन टन था, वह वर्ष 2021-22 तक आते-आते 778 मिलियन टन पहुँच गया था। जिसके इस साल और बढ़ने की आशा है।
वहीं, अगर चालू वित्त वर्ष के सभी महीनों की बात करें तो अप्रैल से लेकर अब तक लगभग समान मात्रा में कोयले का उत्पादन हुआ है। ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि अगर सभी महीनों में उत्पादन समान है तो अप्रैल-मई के आस पास यह अफवाह क्यों फैलाई गई?
इन आँकड़ों में देखा जा सकता है कि लगातार सभी महीनों में कोयले का उत्पादन लगभग 60-70 मिलियन टन रहा है।