दीपावली त्योहार के जश्न के बीच खबर आई है कि पश्चिम बंगाल के कोलकाता के राजा बाजार में कथित तौर पर मां काली विसर्जन यात्रा पर समुदाय विशेष के लोगों द्वारा हमला किया गया है। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें लोग पथराव करते दिखाई दे रहे हैं।
इस घटना की बात करते हुए शुक्रवार (1 नवंबर, 2024) को, भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने कोलकाता के राजाबाजार इलाके में मां काली के विसर्जन जुलूस के दौरान हिंदुओं को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहने के लिए पुलिस पर निशाना साधाते हुए बताया कि काली मां के विसर्जन जुलूस पर हमला किया गया था। उन्होंने इलाके में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तत्काल तैनाती की भी मांग की।
सुवेंदु अधिकारी ने एक्स पर लिखा कि “कोलकाता के पुलिस आयुक्त, यदि आप अभी भी अपनी गहरी नींद से नहीं जागे हैं तो आम और निर्दोष लोगों के हित में तुरंत सीएपीएफ की तैनाती करें, जो बार-बार पश्चिम बंगाल में कट्टरपंथियों के हमले का सामना कर रहे हैं।”
इस घटना के संबंध में भाजपा प्रवक्ता अमित मालवीय ने भी ट्वीट कर ममता बनर्जी पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए उनसे तत्काल कार्रवाई करने या मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का आग्रह किया।
अमित मालवीय ने ट्वीट किया, “पश्चिम बंगाल में काली पूजा के दौरान हिंदू मंदिरों और भक्तों पर हमले जारी हैं। कोलकाता के राजाबाजार में मां काली के विसर्जन के जुलूस पर पथराव और हमला किया गया; नारकेलडांगा पुलिस हस्तक्षेप करने और भक्तों की रक्षा करने में विफल रही। ममता बनर्जी, या तो तत्काल कार्रवाई करें या पद छोड़ दें। आपका ‘वोट बैंक’ बेखौफ होकर उत्पात मचा रहा है और हिंदुओं को निशाना बना रहा है। बहुत हो गया।”
हालांकि पुलिस ने मामले को लेकर अलग दावा किया है। शनिवार (2 नवंबर) को कोलकाता पुलिस ने दावा किया था कि विसर्जन जुलूस पर हमला नहीं हुआ था। बल्कि बाइक पार्किंग को लेकर दो व्यक्तियों के बीच हाथापाई हुई थी, जो बाद में बढ़ गई।
कोलकाता पुलिस ने दावा किया है कि “निर्धारित काली पूजा विसर्जन जुलूस शांतिपूर्वक और बिना किसी बाधा के पूरा हो गया।”
फिलहाल पुलिस और विपक्ष के दावों में अंतर है। हालांकि पश्चिम बंगाल में हिंदू शोभायात्राओं और विसर्जन यात्राओं पर पथराव और हमले होना और प्रशासन द्वारा उन्हें दबाने का प्रयास करना कोई नई बात नहीं है।