अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए ने यूक्रेन और रुस के बीच चल रहे युद्ध को ले कर एक बड़ा खुलासा किया है। अमेरिकी एजेंसी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रुस के राष्ट्रपति पुतिन को परमाणु हथियार इस्तेमाल ना करने की सलाह दी थी और इसका असर पुतिन के फ़ैसलों पर पड़ा है।
सीआईए प्रमुख बिल बर्न्स ने कहा कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी ने रूस को प्रभावित किया जिससे रूस पर गहरा असर पड़ा है। इसके चलते युद्ध में न्यूक्लिर हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि रूस परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है लेकिन इस संबंध में कार्रवाई तेज करना यूक्रेन को डराने का एक तरीका जरूर हो सकता है।
सीआईए प्रमुख बिल बर्न्स का बयान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के एक बयान के बाद आया है जिसमें पुतिन ने 3 दिसंबर को कहा कि यह संघर्ष लंबा खिंचेगा। उन्होंने परमाणु युद्ध के बढ़ते जोखिम की भी चेतावनी दी।
क्रेमलिन में मानवाधिकार परिषद के अपने भाषण में पुतिन ने कहा कि रूस सभी उपलब्ध संसाधनों के साथ युद्ध में उतरेगा और रूस रक्षा के लिए परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा
जब से यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध छिड़ा है, तब से भारत दोनों देशों से बातचीत के जरिए इस मुद्दे को सुलझाने का पक्षधर रहा है। ज्ञात हो कि 16 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से एक बार फिर से फोन पर बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बातचीत और कूटनीति ही युद्ध को पीछे छोड़कर आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका है।
इससे पहले दोनों नेताओं ने सितंबर में समरकंद में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के दौरान बातचीत की थी। गौरतलब है कि यूक्रेन और रूस के बीच फरवरी में युद्ध छिड़ गया था। तब से अब तक हजारों लोग मारे जा चुके हैं या फिर बेघर हो गए हैं।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से टेलीफोन पर बातचीत की। पीएमओ के एक बयान के अनुसार, बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को जी-20 की भारत की मौजूदा अध्यक्षता के बारे में जानकारी दी और इसकी प्रमुख प्राथमिकताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन की भारत की अध्यक्षता के दौरान दोनों देशों के साथ मिलकर काम करने की भी उम्मीद जताई।