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Home » उत्तराखण्ड: वर्षों से गुपचुप ईसाई मतांतरण में शामिल केरल के पादरी पर पड़ी ‘पंचायती मार’, जानिए पूरा मामला
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उत्तराखण्ड: वर्षों से गुपचुप ईसाई मतांतरण में शामिल केरल के पादरी पर पड़ी ‘पंचायती मार’, जानिए पूरा मामला

अभिषेक सेमवालBy अभिषेक सेमवालDecember 27, 2022No Comments4 Mins Read
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Uttarakhand Christian conversion
उत्तराखंड के पुरोला में ईसाई धर्मांतरण के ख़िलाफ़ लोग सड़क पर उतर आए हैं
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उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में ईसाई मतांतरण का एक बड़ा मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि केरल से जुड़े मिशनरी उत्तरकाशी के एक गांव में लोगों को प्रलोभन देकर ईसाई धर्म स्वीकार करवा रहे थे। इस मामले में उत्तराखण्ड पुलिस ने प्राथमिक जांच के बाद पादरी, उसकी पत्नी और चार अन्य को नामजद किया है। पुलिस मुख्यालय ने इस मामले की प्राथमिकता के आधार पर विवेचना करने के निर्देश दिए हैं। 

क्या है पूरा मामला?

शुक्रवार, गत 23 दिसंबर को उत्तरकाशी ज़िला स्थित पुरोला के देवढुंग क्षेत्र में एक ईसाई धर्मांतरण समारोह चल रहा था। इसके विरोध में ग्रामीणों ने हंगामा कर इसके मिशनरी आयोजकों के साथ कथित तौर पर मारपीट की थी। इसके बाद ग्रामीणों ने एसडीएम को एक शिकायती पत्र भी सौंपा था।

ग्रामीणों के अनुसार, समारोह को संपन्न कराने के लिए केरल से ईसाई धर्म के कुछ लोग आए थे, जिसके बाद कार्यक्रम स्थल पर ईसाई धर्मांतरण का संदेह होने पर ग्रामीणों को आयोजकों में विवाद हुआ। इस दौरान ग्रामीणों ने ईसाई धर्म की किताबों सहित अन्य सामान भी बरामद किया। इसके बाद ग्रामीणों और समारोह आयोजकों में हाथापाई हुई थी। 

एसडीएम पुरोला जितेंद्र कुमार ने बताया, “ग्रामीणों ने क्षेत्र में एक कार्यक्रम के आयोजन में धर्मांतरण की शिकायत की।  इस दौरान विवाद भी हुआ, सूचना मिली है कि मारपीट भी हुई थी। मामले की जांच पुलिस कर रही है इसके बाद ही अग्रिम कार्रवाई होगी।”

आपको बता दें कि इस विरोध प्रदर्शन के दौरान कई ग्रामीण भी चोटिल हुए। पुलिस ने विरोध प्रदर्शन करने वाले कुछ हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों समेत 100 से अधिक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। 

pic.twitter.com/v1o5cSKCmA

— ABHISHEK SEMWAL (@Abhiisshhek) December 27, 2022

धर्मांतरण और उसका विरोध करने पर दर्ज किए मुकदमे के खिलाफ सोमवार उत्तरकाशी जिले में व्यापारी और हिंदू संगठनों ने बाजार, हाईवे जाम कर रोष व्यक्त किया। साथ ही, ज्ञापन भेजकर मंत्री से जांच की मांग की गई। 

आरोपित पादरी एवं उसकी टीम पर मुकदमा 

पुलिस ने जांच में पाया कि मसूरी के एक चर्च का पादरी अपनी टीम लेकर धर्म परिवर्तन कराने उत्तरकाशी के पुरोला स्थित गांव गया था। इस जांच के बाद धर्मांतरण कानून के तहत इन पर मुकदमा दर्ज किया गया। इसमें मसूरी के पादरी पैस्टर जेजारस कार्निलियस और उनकी पत्नी पुष्पा कार्निलियस पर मुकदमा दर्ज किया गया।

जेजारस कार्निलियस मसूरी के यूनियन चर्च के पादरी हैं। बताया जा रहा है कि जांच के बाद आरोपित पादरी और अन्य को जल्द गिरफ्तार भी किया जा सकता है। धार्मिक स्वतंत्रता कानून में संशोधन के बाद प्रदेश में धर्मांतरण के आरोप में यह पहला मामला दर्ज हुआ है।

धर्मांतरण कानून 

हाल ही उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार द्वारा धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक को शीतकालीन विधानसभा सत्र के दौरान सदन पटल पर रखा गया था, जिसे सदन द्वारा 30 नवंबर, 2022 को पारित कर दिया गया।

23 दिसंबर को राज्यपाल द्वारा हस्ताक्षर कर इसे अधिसूचित कर दिया गया। संशोधन के बाद इस कानून के तहत सजा को 10 साल किया गया है

Uttarakhand Religion Freedom Amendment Bill passed by the Vidhan Sabha has been approved by the Raj Bhavan: Mahesh Chand Koshiwa, Additional Secretary Legislative

— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 23, 2022

वर्षों से हो रहा था ईसाई धर्म परिवर्तन 

पुरोला में छिवाला गांव के जिस भवन में धर्मांतरण कराया जा रहा था वह मकान मसूरी स्थित यूनियन चर्च के पादरी की पत्नी का है। उनके माता-पिता केरल निवासी हैं। पादरी की पत्नी ने वर्ष 2021 में पुरोला में यह जमीन खरीदी थी।

पादरी की पत्नी को मकान बनाने के लिए किस ने जमीन बेची है, यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। यह मकान अब जांच के दायरे में है। प्रशासन का कहना है कि मामले की जानकारी जुटाई जाएगी साथ ही संदिग्ध बाहरी लोगों का सत्यापन भी किया जाएगा

यह भी पढ़ें: देहरादून: सचिवालय में चलती रही कानून पर चर्चा, बाहर 60 हिन्दुओं का धर्मांतरण करते मिला पादरी

जिस छिवाला गांव में धर्मांतरण हो रहा था वहां की आबादी बहुत कम है। गाँव में जिन लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तित किया जा रहा था, उनमें नेपाली शामिल थे और इनके साथ प्रार्थना सभा में कुछ स्थानीय लोगों को भी शामिल किया गया था। सभी गांववासियों को पादरी परिवार की तरफ से कई प्रलोभन दिए गए और ज्यादातर गांव वालों ने प्रलोभन में आ कर धर्मांतरण करा दिया। पादरी की टीम वर्षों से इस गांव पर नज़र बनाए हुए थी। यहाँ गुप्त तरीके से प्रार्थना सभा भी आयोजित की जाती थी। वहीं पादरी की यह टीम अपने धर्म से संबंधित साहित्य भी गांव में बाँटती थी।

#Uttarakhand #Conversion

उत्तरकाशी स्थित पुरोला में लोग ईसाई मतांतरण के विरोध में सड़क पर उतर आए हैं।

24 दिसंबर को मतांतरण कराने आए केरल के पादरी के साथ स्थानीय लोगों के विवाद के बाद माहौल गर्म हुआ। हिंदू संगठनों से जुड़े लोग पादरी को जेल भेजे जाने की मांग पर अड़े हुए हैं। pic.twitter.com/QRyqUS8zXe

— Ashish Nautiyal (@ashu_nauty) December 27, 2022

बताया जा रहा है कि पादरी की टीम ने गांव वालों को भ्रमित करने के लिए उनके धर्म को लेकर भ्रान्तिया भी फैलाईं। स्थानीय प्रशासन इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए क्षेत्र पर नजर बनाए हुए हैं। उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को ईसाई मतांतरण की शिकायतों को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए हैं।


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