चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यकों पर अत्याचार को लेकर संयुक्त राष्ट्र की जिस रिपोर्ट का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था, वह आखिरकार जारी हो गई है। रिपोर्ट में UN ने चीन पर “मानवता के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध” करने का आरोप लगाया है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन में उइगर मुस्लिमों और दूसरे अल्पसंख्यकों को बंधक बनाकर उन पर अत्याचार हो रहा है। ये अलग बात है कि चीन इससे इंकार करता रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि UN के जांचकर्ताओं को चीन में अत्याचार के ‘विश्वसनीय सबूत’ मिले हैं। चीन ने UN से रिपोर्ट को जारी नहीं करने की अपील की थी और इसे पश्चिमी शक्तियों का ‘तमाशा’ करार दिया था।
क्या चीन से डरता है UN
UN की इस रिपोर्ट का लंबे समय से इंतज़ार किया जा रहा था जो 31 अगस्त को स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में जारी की गई। गौरतलब है कि यह रिपोर्ट जारी करने वाली UN की मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैचलेट का ये अपने कार्यकाल का अन्तिम दिन था और रिपोर्ट जारी करने के कुछ ही मिनट बाद उन्होंने अपना ऑफिस छोड़ दिया। मिशेल बिना कोई खास वजह बताए रिपोर्ट की रिलीज को बार-बार स्थगित कर रही थीं इसलिए वह आलोचनाओं के घेरे में आ गई थीं।
पिछले साल दिसंबर में मिशेल बैचलेट के ऑफिस द्वारा कुछ हफ्तों में रिपोर्ट रिलीज़ करने की घोषणा की गयी थी, पर ऐसा नहीं किया गया। रिपोर्ट को बार-बार टालने और मानवाधिकार उच्चायुक्त के रूप में अपने कार्यकाल के अन्तिम दिन आनन-फानन में रिपोर्ट रिलीज़ करने को लेकर UN नेतृत्व की चीन से डरने की धारणाओं को फिर से बल मिल रहा है।
रिपोर्ट में क्या है ?
रिपोर्ट में कहा गया है कि, “कानून और नीति के अनुसार, व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से प्राप्त मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंधों और उनसे वंचित करने के संदर्भ में, उइगर और मुख्य रूप से अन्य मुस्लिम समूहों के सदस्यों को मनमानी और भेदभावपूर्ण तरीके से हिरासत में लेना, मानवता के खिलाफ विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय अपराध है।”
UN की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि बलात्कार, यातना, यौन और लिंग आधारित हिंसा व अन्य प्रकार के दुर्व्यवहार के आरोप “विश्वसनीय” प्रतीत होते हैं।
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञों ने चीन में मुस्लिम उइगरों की लंबी हिरासत और जबरन श्रम कराने के ऊपर गंभीर चिंता जताई है। चीन में सम्बन्धित तथ्य खोजने का मिशन चलाने के लिए बाधारहित पहुंच का आह्वान किया है और वैश्विक और घरेलू कंपनियों से उनकी supply chains की बारीकी से जांच करने का आग्रह किया है।
विश्व के अनेक जांचकर्ता उइगर मुसलमानों की दुर्दशा पर चिंता जता चुके हैं और शिनजियांग में निर्मित चीनी उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान भी कर चुके हैं। कई जांचकर्ता प्रभावित अल्पसंख्यकों की कई first person रिपोर्टें लेकर आए हैं, जिसमें मानवता के खिलाफ अपराध में बीजिंग की सक्रिय भागीदारी दिखाई गई है।
कई संगठनों ने चीनी उत्पादों के बहिष्कार के साथ-साथ चीन द्वारा आयोजित कार्यक्रमों के वैश्विक राजनयिक बहिष्कार की घोषणा करने की भी माँग की है। तमाम सबूतों के बावजूद भी चीन सभी सबूतों को सिरे से नकारता है और दावों को पश्चिमी साजिश बताता है।