चीन के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर यदि विदेश मंत्री की प्रोफाइल को देखा जाए तो इस पर अपडेटिंग लिखा आता है। वेबसाइट पर विदेश मंत्री का नाम अभी नहीं है। दरअसल, इस नाम के न होने के पीछे पिछले एक महीने से लगाई जा रही अटकलें और कयास हैं।
हाल ही में चीन के विदेश मंत्री बने चिन गांग (Qin Gang) 25 जून से गायब हैं। वे न ही किसी आधिकारिक कार्यक्रम में दिखे हैं और न उन्होंने किसी भी तरह की बैठक में हिस्सा लिया है। अब चीन के सरकारी मीडिया ने यह स्पष्ट किया है कि चिन गांग को मंत्रिपद से हटा दिया गया है।
गांग की गुमशुदगी के पीछे बीते एक माह से तरह-तरह के कारण बताए गए हैं। सोशल मीडिया पर बताया गया कि चिन गांग के एक टीवी एंकर के साथ रिश्ते थे, जिसके कारण वे गायब हो गए हैं। बताया गया कि इसी दौरान सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाली वह टीवी एंकर भी गायब हो गईं।
इस दावे के उलट कई जगह बताया गया है कि चिन गांग का स्वास्थ्य खराब है जिसके कारण वह अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं। हालाँकि, उनकी सेहत को लेकर कोई भी मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं किया गया है जिससे यह पता चले कि वह किस बीमारी से पीड़ित है जिसके कारण उन्होंने अपना विदेश मंत्री का पद छोड़ दिया।

चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने चिन को विदेश मंत्री के पद से हटाकर वांग यी (Wang Yi) को विदेश मंत्री बनाया है। चिन से पहले वांग ही चीन के विदेश मंत्री थे। चिन को इसी वर्ष विदेश मंत्री नामित किया गया था, उन्होंने मई माह में भारत की यात्रा भी की थी। चिन गांग गोवा आए थे जहाँ उनकी भारत के विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाक़ात हुई थी। चिन गांग की आखिरी बड़ी मुलाक़ात अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकेन से 18 जून को हुई थी।
चिन गांग के मंत्रिपद से हटाए जाने को लेकर भी कई दिनों तक संशय बना हुआ था। गौरतलब है कि शासन और मीडिया में पारदर्शिता ना होने के कारण चीन से कोई भी खबर बिना कम्युनिस्ट सरकार की मर्जी के बाहर नहीं आती। इसी कड़ी में कल सरकारी मीडिया एजेंसी शिन्हुआ ने इस बात की पुष्टि की कि चिन गांग को उनके पद से हटा दिया गया है।
चिन गांग को पद से हटाए जाने की चर्चा तभी चालू हो गई थी जब हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल से वांग यी ने मुलाक़ात की थी। वांग यी का कुछ ही महीनों के बाद मुख्य रोल में आना यह स्पष्ट कर रहा था कि चिन गांग अब इस पद पर नहीं रहे।गांग विदेश मंत्री बनने से पहले अमेरिका में चीन के राजदूत थे।
चीन की दृष्टि से देखा जाए तो यह काफी महत्वपूर्ण पद है क्योंकि दोनों देश एक दूसरे के बड़े व्यापारिक सहयोगी और रणनीतिक प्रतिद्वंदी हैं। कहा जाता है कि चिन को शी जिनपिंग का वरदहस्त हासिल था। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, चिन गांग को हटाने का निर्णय चीन की राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस (NPC) की स्थायी समिति ने लिया।
दरअसल, स्थायी समिति चीन की राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस का छोटा रूप होती है और यही लोग शासन के मुख्य निर्णय लेते हैं। जहाँ कॉन्ग्रेस में 2,980 सदस्य हैं तो वहीं स्थायी समिति के सदस्यों की संख्या मात्र 175 है। चीन में केंद्रीकृत शासन का यह सबसे उच्च स्तर है।
शिन्हुआ के अनुसार, स्थायी समिति के अध्यक्ष झाओ लेजी ने इस निर्णय को लेने के लिए समिति के सामने रखा और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए। इसी बैठक में वांग यी को विदेश मंत्री नियुक्त करने का भी निर्णय लिया गया। वांग इससे पहले 2013 में विदेश मंत्री बनाए गए थे।
चिन गांग के गायब रहने के बाद पश्चात सोशल मीडिया पर यहाँ तक दावे किए गए कि उनकी मृत्यु हो गई है या उन्हें बंदी बना लिया गया है। हालांकि, चीन की सरकारी मीडिया या विदेश मंत्रालय ने उनकी सेहत या वर्तमान स्थिति के बारे में कोई खुलासा नहीं किया गया है। इससे पहले भी कई बार चीनी नेताओं को लेकर कई अफवाहें मीडिया में उड़ चुकी हैं।
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