चीन के पूर्व राष्ट्रपति और चीन की तानाशाह कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख जिआंग जेमिन की आज सुबह राजधानी बीजिंग में मृत्यु हो गई। वह 96 साल के थे। जिआंग वर्ष 1993 में चीन के राष्ट्रपति बने थे। वे अगले 10 वर्षों तक चीन के राष्ट्रपति रहे।
जिआंग की मृत्यु का कारण ल्यूकेमिया रोग और कई अंगों का काम करना बंद हो जाना बताया जा रहा है। उन्होंने, अपने गृह नगर बीजिंग में आज दोपहर 12:13 मिनट पर अन्तिम साँस ली।
जिआंग वर्ष 1989 से वर्ष 2002 तक इस पद पर रहे। उनके बाद अगले राष्ट्रपति हु जिंताओ के हाथों में सौंप दी गई। जिआंग जेमिन ने काफी कठिन समय में चीन के राष्ट्रपति और कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख का पद संभाला था।
उनके पार्टी के मुखिया का पद संभालने से पहले चीन की राजधानी बीजिंग के तिआनमेन चौक पर उग्र प्रदर्शन हुए थे, जिसमें हजारों लोगों की जान चली गई थी। तत्कालीन नेताओं ने बेरहमी से प्रदर्शनों को कुचल दिया था, जिससे चीन के लोगों में पार्टी के प्रति नाराजगी और बढ़ गई थी।
जिआंग ने अपने शासन के दौरान कड़ी नीति अपनाई। उनके शासन के दौरान चीन ने खूब तरक्की भी की। उसी समय अमेरिका के बरअक्स सोवियत यूनियन के विघटन से चीन को काफी फायदा हुआ। ऐसा कहा जाता है कि जिआंग ने अपने ख़ास लोगों को चीन की सत्ता में शामिल था, जिन्हें ‘शंघाई गैंग’ कहा गया।
जेमिन की मृत्यु के विषय में यह सूचना चीन की सरकारी मीडिया एजेंसियों द्वारा दी गई। चीन का 10 साल तक नेतृत्व करने वाले जिआंग का चीन की सत्ता में उत्कर्ष काफी नाटकीय था। वह राष्ट्रपति की गद्दी तक पहुँचने से पहले चीन की आर्थिक राजधानी शंघाई के नेता थे।
जेमिन ने ऊँचे पद तक पहुँचते ही यह साफ़ कर दिया था कि लोकतंत्र की कोई भी माँग को चीनी कम्युनिस्ट शासन बर्दाश्त नहीं करेगा। जिआंग की मौत की खबर ऐसे समय में आई है, जब चीन में देशव्यापी प्रदर्शन हो रहे हैं। लोग चीन की कम्युनिस्ट तानाशाही वाली सरकार की नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उतरे हुए हैं।
जेमिन की सत्ता के दौरान ही शंघाई सहयोग समिति का गठन हुआ था। वहीं शिनजियांग प्रांत में उनके शासन के दौरान बड़े स्तर पर अलगाववादी मुहिम ने जोर पकड़ा था। जिआंग के शासन के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने चीन का दौरा किया था, जिसे चीन और अमेरिका के संबंधों में सुधार के तौर पर देखा गया था।