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Home » नाबालिग बेटियों का निकाह, कीमत ₹50,000: PAK में क्यों बढ़े बाल-विवाह के मामले
दुनिया

नाबालिग बेटियों का निकाह, कीमत ₹50,000: PAK में क्यों बढ़े बाल-विवाह के मामले

The Pamphlet StaffBy The Pamphlet StaffSeptember 26, 2022No Comments5 Mins Read
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पाकिस्तान में बाल विवाह
बाढ़ पीड़ित पाकिस्तान में बाल विवाह के बढ़ते मामले
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पाकिस्तान इस समय भीषण बाढ़ से जूझ रहा है। इस आपदा में अब तक सैकड़ों लोगों की मृत्यु हो चुकी है और लाखों लोग बेघर हो गए हैं। ऐसी भयावह आपदा में भी पाकिस्तान में बाल विवाह रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। बाढ़ पीड़ित पाकिस्तान की जमीनी हकीकत वहाँ की बिगड़ती सामाजिक-सांस्कृतिक स्थिति को उजागर कर रही है।

पाकिस्तान में बाढ़ में डूबे घर

बाल विवाह में वृद्धि का कारण

पाकिस्तान में बाढ़ ने भारी तबाही मचा रखी है। हालिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में बाढ़ से मरने वालों की संख्या 1600 पहुँच गई है, जबकि हजारों लोग गम्भीर रूप से घायल हुए हैं।

बाढ़ ने लाखों लोगों को घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया है। लोगों के घर और व्यवसाय को बाढ़ लील रही है। ऐसे में परिवार की जिम्मेदारी और बाढ़ से बीमार पड़ने के बाद इलाज में लगने वाले खर्च पूरी आर्थिकी बिगाड़ दी है। बाढ़ का सबसे ज्यादा असर सिन्ध प्रान्त के 23 जिलों में है। इन जिलों को आपदा प्रभावित भी घोषित किया गया है। पाकिस्तान की एनडीएमए के मुताबिक बाढ़ से 1 करोड़ 45 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।

बाढ़ के कारण महिलाओं के लिए स्थिति ज्यादा खराब हो गई है क्योंकि, महिलाओं और लड़कियों को सैनेटरी किट और रहने के लिए सुरक्षित जगह न मिलने से कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेन्सी एएफपी का कहना है कि इससे महिलाओं के खिलाफ हिंसा और बाल विवाह का खतरा अधिक बढ़ गया है।

VIDEO: Women bear the brunt of Pakistan's floods.

Women and girls have been especially vulnerable to Pakistan's floods. . They face unique problems around access to hygiene kits and safe spaces. There's also the increased risk of violence against women and child marriage. pic.twitter.com/py6FTwPbrj

— AFP News Agency (@AFP) September 23, 2022

बीबीसी की एक रिपोर्ट की मानें तो कई बाढ़ प्रभावित माता-पिता पैसे के बदले अपनी बेटी का निकाह करने को भी राज़ी हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एक व्यक्ति अपनी 12 साल की बच्ची की शादी 50 हजार रुपए के लिए तय कर देता है। अधिक रुपए कमाने के लिए यह व्यक्ति अपनी छोटी बेटी की शादी की योजना भी बना रहा है, जो अभी मात्र 10 साल की है।

यह पहली या अकेली घटना नहीं है। पाकिस्तान के कई बाढ़ प्रभावित प्रान्तों में इस तरह के कई विवाहों को सार्वजनिक मान्यता मिल रही है।

एनजीओ ‘जिन्दगी विकास संगठन’ से जुड़ी मेहताब सिन्धु वर्तमान में सिन्ध के दादू जिले और उसके आसपास के इलाकों में बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत कार्य में लगी हुई हैं। वह बताती हैं कि गाँव में दर्जनों बाल विवाह को मान्यता मिल चुकी है और इनमें से कोई भी 18 वर्ष से अधिक उम्र का नहीं है।

पाकिस्तान में बाल विवाह समस्या

बाल विवाह की समस्या ने पाकिस्तानी समाज को हमेशा ही शर्मिन्दा किया है। पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ के अनुसार, “बाल विवाह आर्थिक रूप से हाशिए पर चले गए कमजोर समुदायों के बीच होता है। जबकि, पाकिस्तान के कई हिस्सों में लड़के और लड़कियाँ दोनों की शादी जल्द कर दी जाती है। सदियों पुराने इस रिवाज का शिकार बड़ी संख्या में लड़कियाँ हो जाती हैं।”

पाकिस्तान में होता बाल विवाह

बाल संरक्षण के लिए काम कर रहे इस्लामाबाद स्थित एनजीओ ‘साहिल’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में बाल विवाह के 199 मामले सामने आए। रिपोर्ट किए गए मामलों में 95% मामले नाबालिग लड़की से सम्बन्धित थे, जबकि 5% मामलों में दूल्हे के रूप में नाबालिग लड़के थे।

पाकिस्तान जनसाँख्यिकी और स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2017-18 की रिपोर्ट के अनुसार, 15 साल से कम उम्र की 3.6% लड़कियों की शादी हो चुकी है, जबकि 18.3% लड़कियों की शादी 18 साल से कम उम्र में कर दी गई है।

वहीं, यूनिसेफ की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 21% पाकिस्तानी लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र में कर दी गई, जबकि, 3% लड़कियों की शादी 15 साल की उम्र में कर दी गई है। यूनिसेफ के अनुसार, दुनिया भर में पाकिस्तान बाल विवाह की सूची में छठे पायदान पर है।

बाल विवाह का नुकसान

यूनिसेफ के अनुसार, “जिस लड़की की शादी कम उम्र में हो जाती है, वह अपनी स्कूल शिक्षा भी पूरी नहीं कर पाती है और न ही वह लड़की पैसा कमा पाती है, जिस कारण अपने समाज में वह आर्थिक योगदान नहीं दे पाती है।”

गर्ल्स नॉट ब्राइड्स नामक संस्था के अनुसार, “15 से 19 वर्ष की विवाहित लड़कियों की मृत्यु का कारण गर्भावस्था और प्रसव से उत्पन्न जटिलताएं हैं।”

विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, “छोटी उम्र की माँ से पैदा हुए बच्चों और बड़ी उम्र की माँ से पैदा हुए बच्चों की तुलना में कुपोषण का अधिक जोखिम छोटी उम्र की माँ से पैदा हुए बच्चों में होता है। यह रिपोर्ट बताती है कि छोटी उम्र की माँ के बच्चे के स्वास्थ्य, उनकी शैक्षिक संभावनाओं समेत लम्बे समय तक जीवित रहने में और घरेलू और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में वह एक प्रकार से बाधा बनते हैं।”

बाल विवाह दुनिया में कहीं भी मौजूद हो, यह पूरी मानव सभ्यता के लिए एक अभिशाप ही है। पाकिस्तान को इस कुप्रथा को जड़ से उखाड़ने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाने की जरूरत है, भले ही पाकिस्तान के रीति-रिवाज, उसकी संस्कृति और मजहब इसका समर्थन करता हो।

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