कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार (अक्टूबर 13, 2023) को राज्य के बिजली संकट के बारे में कहा कि कर्नाटक बिजली संकट का सामना इसलिए कर रहा है क्योंकि सुखे के कारण बिजली उत्पादन में कमी आई है जबकि इसकी मांग में बढोतरी हुई है।
उनका कहना है कि सरकार राज्य के अंदर और बाहर दोनों जगह बिजली खरीदकर स्थिति से निपटने का प्रयास कर रही है। उनका कहना है कि सरकार ने एक आदेश जारी कर राज्य में बिजली उत्पादन करने वालों से सरकार को आपूर्ति करने को कहा है।
सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य में बारिश की कमी और गर्मी के दौरान मांग में वृद्धि से बिजली संकट उत्पन्न हुआ है। अब बिजली खपत की मांग 1500-1600 मेगावाट तक पहुँच गई है जो कि पिछली अवधि के दौरान 900 से 1000 मेगावट तक ही थी। सिद्धारमैया ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्होंने बिजली समस्या सुलझाने और इसकी खरीद के लिए ऊर्जा विभाग के अधिकारियों की एक बैठक बुलाई है।
वहीं विपक्ष के आरोपों पर बात करते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य सरकार के प्रति भाजपा राजनीतिक प्रकृति के कारण आलोचना करती है और वे इन पर प्रतिक्रिया नहीं देना चाहते हैं।
भाजपा के द्वारा उठाए गए प्रश्नों पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, क्या वे जमीनी हकीकत से वाकिफ हैं? सुखा है, बारिश नहीं है। इसके कारण समस्या पैदा हुई है पर हम अभी भी बिजली की आपूर्ति कर रहे हैं। वहीं, सिद्धारमैया ने साफ किया कि उनकी सरकार सात घंटे के लिए तीन चरण की बिजली प्रदान करने में असमर्थ है।
जाहिर है कि भाजपा द्वारा कर्नाटक सरकार पर मुफ्त बिजली घोषणा के कारण उत्पन्न हुए संकट को लेकर लगातर सवाल उठाए जा रहे हैं। जहां पिछले माह ही राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने राज्य में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए कुछ हिस्सों में लोड-शेडिंग का सहारा लेने की घोषणा की थी। वहीं, बिजली संकट को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अन्य राज्यों से संपर्क भी किया है।
ज्ञात हो कि राज्य सरकार पर गृह ज्योति योजना के कारण भी बोझ बढ़ा है। कांग्रेस का चुनाव पूर्व वादा था कि प्रति परिवार प्रति माह 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाएगी। पिछले महीने शुरू की गई इस योजना के चलते राज्य को प्रति वर्ष 13,910 करोड़ रुपये का खर्च का सामना करना पड़ेगा।
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