चंद्रयान-3 के लॉन्च के बाद, सोशल मीडिया में भ्रामक हेडलाइंस के साथ एक खबर चलाई जा रही है कि चंद्रयान बनाने वाले इंजीनियर्स को 17 महीने से सैलरी नहीं मिली है, और इसका जिम्मेदार बताया जा रहा है इसरो को। असल में इसकी सच्चाई कुछ और है। ये मामला ISRO का ना होकर किसी दूसरी ही कम्पनी से जुड़ा हुआ है।
आप देख रहे होंगे कि जब देश चंद्रयान मिशन से उत्साहित है, तब सोशल मिडिया से लेकर प्रोपगंडा मिडिया पोर्टल्स इस सैलरी के मुद्दे पर झूठ फैला रहे हैं और लोगों को गुमराह कर रहे हैं। इस प्रोपगंडा में फोटोशॉप कर के ईमेल कन्वर्सेशन बनाने वाला The wire सबसे आगे है और इस एजेंडा को हवा देने में लगी हैं RJ सायमा। इस स्क्रीनशॉट में आप देख सकते हैं कि जिस दैनिक भास्कर की खबर से ये प्रोपगंडा आगे बढ़ाया जा रहा था उस दैनिक भास्कर ने अपना ट्वीट भी हटा दिया है लेकिन कांग्रेस की सुप्रिया श्रीनेत और उसके समर्थकों के साथ ये पूरा गिरोह चंद्रयान के सफल लांच को सेलिब्रेट करने के बजाय इस प्रोपगेंडा में अपनी ताकत झोंक रहे हैं।
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असल में सैलरी को लेकर जो भी प्रोपगंडा आप देख रहे होंगे वो चंद्रयान के लांच पैड से जुड़ा हुआ है जिसे केंद्र सरकार के एक दूसरे PSU ( पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग) हैवी इंजीनियंरिंग लिमिटेड के इंजीनियर्स ने बनाया है, ये मोबाइल लौन्चिंग पैड ISRO के विशेष ऑर्डर्स पर बनाए गए हैं।
हैवी इन्जियांरिंग लिमिटेड, झारखंड के रांची में स्थित है और मेटलर्जी के क्षेत्र में भारत की प्रमुख कम्पनी रही है, अंग्रेजी समाचार पत्र द हिन्दू की एक रिपोर्ट बताती है कि इसने देश के प्रमुख स्टील प्लांट्स के बनने में बड़ा रोल निभाया है। यह ISRO के अलावा परमाणु ऊर्जा विभाग को भी जरूरी सामान उपलब्ध कराती है।
हालाँकि, बीते कुछ वर्षों से यह कम्पनी समस्याओं में घिरी हुई है, इसकी सारी मशीने पुरानी हो चुकी हैं और इसको मिलने वाले आर्डर अब पूरे नहीं हो पा रहे जिससे कम्पनी की कमाई हो सके। इस कम्पनी को समस्याएं 90 के दशक के बाद से ही आना चालू हो गईं थी, जब कम्पनी को सरकारी सहायता मिलनी कम हो गई।
इसके बाद से कम्पनी लगातार संकट में फंसी हुई है, कुछ समस्याओं की वजह से बीते कुछ महीने से इसके कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिल पाई है। यह जरूर है कि HEC ने ISRO के लिए लॉंच पैड बनाए थे, लेकिन इनका सीधा ISRO से कोई समबन्ध नहीं है। ऐसे में एक सामान्य सी खबर को सनसनीखेज बनाकर जनता में अविश्वास फैलाने की कोशिश की गई है। ये कुछ वैसा ही है कि सड़क पर अगर भगवा टीशर्ट पहनकर कोई आदमी अगर जोर से छींक भी दे तो मिडिया इसे इस तरह से दिखता है कि मोदी सरकार में हिन्दुओं की छींक से ही दिल्ली में यमुना तबाही मचा रही है।
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