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Home » ₹17,000 करोड़ का IT हार्डवेयर PLI, जानिए क्या होंगे फायदे
आर्थिकी

₹17,000 करोड़ का IT हार्डवेयर PLI, जानिए क्या होंगे फायदे

₹17,000 करोड़ का IT हार्डवेयर PLI, जानिए क्या होंगे फायदे
अर्पित त्रिपाठीBy अर्पित त्रिपाठीMay 20, 2023No Comments3 Mins Read
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Electronic circuit board with processor, close up.
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दुनिया भर से टेक कम्पनीज भारत आकर इलेक्ट्रॉनिक्स की मैन्युफैक्चरिंग करें, इसके लिए लगातर प्रयास हो रहे हैं। इन कंपनियों को क्लीयरेंस से लेकर उनके लिए अन्य साधन और व्यवस्था के लिए सरकार गंभीर प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने 17 मई की कैबिनेट बैठक में IT हार्डवेयर के लिए PLI 2.0 की घोषणा की है।

इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग और इनका एक्सपोर्ट भारत की एक सक्सेस स्टोरी की तरह है, इसे आगे और बढाने के लिए इस स्कीम से देश के अंदर लैपटॉप, मोबाइल और टेबलेट्स समेत अन्य डिवाइसेज की मैन्युफैच्क्रिंग पर PLI स्कीम के तहत इंसेंटिव दिए जाएंगे।

17,000 करोड़ रुपए इन्वेस्ट करके इस स्कीम के जरिए सरकार देश में 3.5 लाख करोड़ रुपए का प्रोडक्शन बढ़ाना चाहती है। यूनियन IT एंड रेल मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव का मानना है कि अनुमानतः 3.5 लाख करोड़ का बढ़ने वाला प्रोडक्शन इंडिया की जीडीपी में ऐड होगा।

दरअसल, कोरोना पैन्ड़ेमिक के बाद से दुनिया भर की कंपनियां अपनी मैन्युफैक्चरिंग चाइना से शिफ्ट कर रही हैं, इसको चाइना प्लस वन स्ट्रेटेजी कहा जा रहा है। चीन के अलावा प्लस वन वाली कंट्री बनने और कम्पनियों को भारत में मैन्युफ़ैक्चरिंग फैसिलिटी बनाने के लिए ही यह स्कीम लाई गईं हैं।

सरकार का कहना है कि इस स्कीम से देश में टोटल 2 लाख जॉब्स क्रिएट होंगी। दरअसल, इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर पिछले 8 सालों में 17% CAGR से बढ़ा है, भारत अब चीन के बाद दुनिया का सबसे बड़ा स्मार्टफोन निर्माता है। साल 2022-23 में भारत में 9 लाख करोड़ से ज्यादा का इलेक्ट्रॉनिक्स का प्रोडक्शन हुआ।

इसी दौरान भारत से इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्यात 2 लाख करोड़ से भी ऊपर निकल गया, इसमें से लगभग 90,000 करोड़ का स्मार्टफोन निर्यात था

भारत के इलेक्ट्रॉनिक एक्सपोर्ट कितनी तेजी से बढे हैं इसके लिए पिछले पांच वर्षों के इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट का आँकड़ा आप इस चार्ट से समझ सकते हैं, इस एक्सपोर्ट में बड़ी हिस्सेदारी एप्पल और सैमसंग जैसी कम्पनियों की है, एक रिपोर्ट के मुताबिक़ एप्पल ने भारत से 2022-23 में लगभग 50,000 करोड़ के एक्सपोर्ट किए।

इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर के लिए PLI स्कीम को सबसे पहले 2021 में लांच किया गया था, तब लांच की गई स्कीम में कुछ सुधार करने के लिए कंपनियों ने आग्रह किया था, अब स्कीम को नए तरीके से पेश किया गया है।

एपल से जुड़े हुए सबसे बड़े निर्माता फोक्सकॉन और PEGATRON जैसी कंपनियां लगातार भारत में इन्वेस्ट कर रही हैं, हाल ही में फोक्सकॉन ने हैदराबाद में 500 मिलियन डॉलर से नई फैक्ट्री की आधार शिला रखी है, JP मॉर्गन चेज का कहना है कि 2025 तक 25% IPHONE का प्रोडक्शन भारत में होगा।

PLI के तहत केंद्र सरकार भारत में मैन्युफैक्चरिंग करने वाली कंपनियों की बढती हुई सेल के हिसाब से उन्हें सब्सिडी देगी। यह सब्सिडी अलग अलग कैटेगरी के लिए अलग अलग रखी गई है। PLI के अलावा कई राज्यों ने अपने श्रम कानूनों में बदलाव करना चालू कर दिया है जिससे कम्पनियों को सस्ती और सही लेबर मिल सके।

भारत जहाँ PLI के सहारे एक ओर अपना निर्यात बढ़ा रहा है वहीं अब वह बड़े स्तर अपने इलेक्ट्रॉनिक्स के आयात घटाने की भी कोशिश करेगा, चीन से होने वाले व्यापार में सबसे बड़ा हिस्सा इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के आयात का है, वर्ष 2022-23 के दौरान भारत ने लगभग 8 बिलियन डॉलर से अधिक के इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद आयात किए है, अगर PLI स्कीम के माध्यम से आने वाले वर्षो में हम इन उत्पादों में आत्मनिर्भर हो जाते हैं तो हमारे व्यापार घाटे में बड़ी कमी हो सकती है।

यह भी पढ़ें: स्पेशियलिटी स्टील के लिए केंद्र की PLI स्कीम कैसे साबित होगी ‘गेम चेंजर’

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