केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जबरन वसूली मामले में जेल में बंद आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से अनुमति मांगी गई है।
दरअसल सत्येंद्र जैन और पूर्व जेल अधीक्षक राज कुमार पर जेल में सुरक्षा प्रदान करने के बदले में आम आदमी पार्टी सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाले उनके जेल में कैदी और ठग सुकेश चंद्रशेखर सहित कई ‘हाई प्रोफाइल कैदियों’ से बड़ी रकम वसूलने का आरोप लगाया गया है।
सीबीआई द्वारा अपने पत्र में कहा गया है कि उनके पास जानकारी है कि जैन ने कथित तौर पर वर्ष, 2018-21 के दौरान विभिन्न किश्तों में खुद या अपने सहयोगियों के माध्यम से जेल के कैदी चंद्रशेखर से 10 करोड़ रुपए की उगाही की और संरक्षण राशि के रूप में प्राप्त किया। साथ ही सुकेश को जेल में शांतिपूर्ण और आरामदायक जीवन जीने प्रदान करने में मदद की थी। उल्लेखनीय है कि सत्येंद्र जैन मई, 2022 से ही मनी लॉन्ड्रिंग में न्यायिक हिरासत में हैं।
सीबीआई का आरोप है कि दिल्ली की जेलों में उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार और जबरन वसूली रैकेट चलाया जाता है। साथ ही पत्र के अनुसार पूर्व जेल महानिदेशक संदीप गोयल और तत्कालीन अतिरिक्त जेल महानिरीक्षक मुकेश प्रसाद, अन्य कार्यालय और सहयोगी इस रैकेट के लिए एक सिंडिकेट के रूप में काम करते थे।
साथ ही केंद्रीय जांच एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया है कि गोयल और मुकेश प्रसाद ने चंद्रशेखर से 12.50 करोड़ रुपए की उगाही की थी। एजेंसी के पत्र में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने जेल में बंद अन्य हाई प्रोफाइल कैदियों से प्रोटेक्शन मनी के रूप में पैसे भी लिए ताकि वे जेल में सुरक्षित और आराम से रह सकें।
सीबीआई का आरोप है कि यह राशि वर्ष, 2019-22 के दौरान विभिन्न किश्तों में या तो स्वयं या उनके सहयोगियों के माध्यम से सुरक्षा धन के रूप में प्राप्त की गई थी ताकि कैदी सुकेश चंद्रशेखर को जेल में आरामदायक जीवन जिए।
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