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ग़ज़ब है ये केजरीवाल भी। एक जमाना था जब अन्ना हज़ारे को इस युग का गाँधी बताता था। अब तो ख़ुद ही बन गया है।
तेज प्रताप जी का तो मथुरा आना-जाना कई वर्षों से है तो नेताजी को लगा कि इस बार साइकिल चलाने को लेकर इसे टेस्ट कर लेते हैं।
हो सकता है कि द्वापर युग में अयोध्या वालों ने मथुरा के राजा कंस का साथ दिया हो जिसके कारण श्रीकृष्ण ने अपने वंशजों को अयोध्या वालों से पीढ़ीगत दुश्मनी रखने का आग्रह किया हो। वेद-पुराण के जानकर इतिहासकार ही इस विषय में कुछ बता पाएंगे।
चाय पीते-पीते ध्यान उस कागज़ पर गया जिसमें पकौड़ी दी गई थी। अंग्रेजी के मुश्किल शब्द छानकर देखा तो उस पर मिश्रा कमेटी की रिपोर्ट छपी थी।
राहुल गाँधी दुनिया-समाज को भी ठेंगे पर रखते हैं। खुश-मिजाज़ी हैं। अब विज्ञान, धर्म-अर्थ-नीति से होते हुए दर्शन तक का ज्ञान बाँट रहे हैं।
राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं वाले बुद्धिजीवी के सामने भी यह चैलेंज रहता है कि वह अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को अपने बुद्धिजीवीपने से ढांक कर रखे
कांग्रेस में उपस्थित दार्शनिकों का समूह मानसिक रूप से यह स्वीकार कर चुका है कि भारत टूट चुका है, जो बात सामान्य जनता नहीं समझ पा रही। कांग्रेस के दार्शनिकों की यह स्वीकारोक्ति कि भारत राज्यों का एक संघ मात्र है, उसी मानसिक अवस्था से उपजा विचार है।
कहीं रवीश कुमार को ये तो नहीं लग रहा कि सुपरमैन की ही तरह उन्हें भी उनके ग्रह से निकाल दिया गया है और अब दुनिया की रक्षा करने की ज़िम्मेदारी अब सिर्फ़ उनकी है?
मैं यह झूठ नहीं बोलूंगा कि मुझे दीपिका बिकिनी में अच्छी नहीं लगी। यह भी नहीं बोलूंगा कि मैंने उसके बिकिनी सीन को रिवाइंड करके नहीं देखा।
क्या किसी ने फ़्रांस से पूछा कि हारना किसे कहते हैं? जब सारी दुनिया मेसी के स्वर में एकराग हो रखी थी क्या तब किसी ने यह पूछा कि एमबापे कौन जात है?