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सम्पूर्ण विश्व 21 दिसंबर 2024 के दिन पहला विश्व ध्यान दिवस के रूप में मना रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने 29…

भारतीय सेना ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर की डल झील में प्रसिद्ध ‘चिनार बोट रेस’ 2024 का आयोजन किया। भारतीय सेना…

ज्ञानवापी परिसर मामले में शुक्रवार (२२ नवम्बर, 2024) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले में मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम…

उत्तराखंड में पिछले एक साल में करीब पांच सौ से अधिक अवैध मजारें तोड़कर सरकारी कब्जे को मुक्त करने का काम किया गया है, इसके बाद अभी भी बड़ी संख्या में अवैध मजारें देवभूमि के चप्पे चप्पे पर मौजूद हैं। आशीष नौटियाल इस वीडियो में विस्तार से बता रहे हैं ‘मज़ार इकॉनमी’ की कहानी और उससे पैदा होने वाले अपराध की क्रोनॉलॉजी।

पंजाब के चावल को अस्वीकार करने का कर्नाटक में यह पहला मामला नहीं आया है बल्कि दो सप्ताह पहले अरुणाचल प्रदेश भेजे गए चावल के नमूनों को खराब गुणवत्ता का और मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त पाया गया था।

13 नवंबर को Jharkhand Assembly Election के पहले चरण का मतदान होना है। मोटा-मोटी देखें तो मतदान में लगभग एक सप्ताह का समय बचा है, इसके बावजूद अभी तक राहुल गाँधी ने झारखंड में एक भी रैली नहीं की है।

ये वही अमेरिका है जो दुनिया भर का बोझ अपने सर पर लिए घूमने का दावा करता है, हर किस्म की रैंकिंग और और संस्था इन्होने बनाई हैं ताकि दुनिया को सर्टिफिकेट बाँट सकें। इसमें डायवर्सिटी के सर्टिफिकेट हैं, पितृसत्ता यानी पैट्रिआर्कि के सर्टिफिकेट हैं और भी जाने क्या क्या। 

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्स्प्रेस में कांग्रेस सांसद Rahul Gandhi ने एक लेख लिखा है। उन्होंने लेख में दावा किया है कि भारत के उद्योग क्षेत्र में एकाधिकारवाद अर्थात मोनोपॉली को बढ़ावा दिया जा रहा है।

राहुल गाँधी के आर्टिकल की हैडलाइन है- ‘A New Deal for Indian Business’ हैडलाइन से ऐसा प्रतीत होता है कि लेखक कोई बहुत बड़े अर्थशास्त्री हैं लेकिन हम सब जानते हैं कि राहुल गाँधी उतने ही बड़े अर्थशास्त्री हैं जितने बड़े रघुराम राजन राजनेता।