Browsing: आर्थिकी
भारत में अतिगरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले करोड़ों नागरिकों का इतने कम समय में गरीबी रेखा के ऊपर आना विश्व के अन्य देशों के लिए एक सबक है।
भारत में आर्थिक सुधारों की प्रक्रिया वर्ष 1991 में जब से आरंभ हुई है, तब से अर्थव्यवस्था और उसके कारकों में लगातार बदलाव आया है। कर सुधारों के साथ व्यापार करना तो आसान हुआ ही है, विभिन्न सरकारों की ओर से पारदर्शिता को लेकर समय समय पर बड़े प्रयास किए गये हैं। यह बात और है कि इतने प्रयासों के बावजूद अर्थव्यवस्था का एक हिस्सा आज भी अनौपचारिक क्षेत्र की तरह ही काम कर रहा है।
किसानों, गरीबों पर 2.1 लाख करोड़ रुपए खर्चने के बाद भी पूरा हुआ केंद्र का राजकोषीय घाटे का लक्ष्य
वित्त वर्ष 2022-23 में किसानों को सस्ते उर्वरक उपलब्ध कराने और देश के गरीबों को मुफ्त अनाज मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार ने 2.1 लाख करोड़ रुपए सब्सिडी के तौर पर अतिरिक्त खर्चे हैं।
मई माह में कुल GST संग्रह ₹1,57,909 करोड़ रहा है, यह मई 2022 में ₹1,40,885 करोड़ रहा था। वित्त मंत्रालय का कहना है कि ऐसा पांचवी बार हुआ है जब एक माह का GST संग्रह ₹1.5 लाख करोड़ से ऊपर रहा है।
देश में डिजिटल भुगतानों के लिए सर्वाधिक उपयोग किए जाने वाले माध्यम UPI ने मई माह में नया रिकॉर्ड बनाया है। मई माह में UPI के माध्यम से ₹14.3 लाख करोड़ का लेनदेन हुआ हैं। यह किसी एक माह के भीतर हुआ सर्वाधिक लेनदेन हैं।
भारत का मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और FDI को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डॉ. रघुराम राजन ने भारत की मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं के बारे में संदेह व्यक्त किया है।
2022-23 में 7.2% की तेजी से बढ़ी देश की अर्थव्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के अनुमान छूटे पीछे
भारत की अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2022-23 में सभी अनुमानों को पीछे छोड़ते हुए 7.2% की जीडीपी वृद्धि दर हासिल की है। सांख्यिकी और योजना कार्यान्वन मंत्रालय द्वारा (MoSPI) बुधवार (31 मई 2023) को जारी किए गए अनुमानों में यह बात सामने आ गई है।
भारत विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण सुविधाएं बनाएगा, केन्द्रीय कैबिनेट ने इसके लिए एक मंत्रालयीय समिति बनाने की मंजूरी दी है। यह भंडारण सुविधाएं देश के सहकारिता क्षेत्र में बनाई जाएंगी। सरकार के इस निर्णय की जानकारी देश के सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी है।
RBI की वार्षिक रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए देश की अर्थव्यवस्था के विषय में महत्वपूर्ण जानकारियाँ हैं। रिपोर्ट पिछले एक वर्ष में अर्थव्यवस्था में बड़े बदलावों को रेखांकित करती है।
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने एक रिपोर्ट में बताया है कि देश में उपयोग किए जा रहे कुल नोटों में से मात्र 1.3% नोट ही ₹2,000 के हैं। यह जानकारी बैंक ने मंगलवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में दी है। नोटों की यह स्थिति 31 मार्च 2023 की है।