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झूलेलाल जी भगवान वरुणदेव के अवतार हैं। इनकी जयंती को सिंधी समाज चेटीचंड के रूप में मनाता है, जिसे सिंधी नववर्ष के रूप में भी मनाया जाता है।
वर्ष 2014 के बाद से भारत में सांस्कृतिक धरोहरों को संवारने का कार्य बहुत सफल तरीके से सम्पन्न किया जा रहा है।
उन्हें बताएँ कि कैसे रहे होंगे वे राम जिन्होंने धर्म के लिए पिता की बात तक नहीं मानी, जिन्होंने जंगल का कठिन तप चुना, विरह-वेदना को चुना, रीछ-वानरों की मित्रता की, परम बलशाली होने के बावजूद ऐन मौक़े पर नल-नील की मादद को सर्वश्रेष्ठ माना।
मोदी सरकार के 2014 से 2023 तक के कार्यकाल में करीब 344 सांस्कृतिक पुरावशेष और मूर्तियों की विदेश से वापसी हुई है।
प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर को राष्ट्र मंदिर इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि यहां आने वाले हर व्यक्ति को यह मंदिर भारतीय सनातन संस्कृति की पहचान कराएगा।
भारत के वेद एवं पुराणों में विभिन्न प्रकार की समस्याओं को हल करने के उपाय बताए गए हैं। विभिन्न युगों में अलग अलग शक्तियों को प्रधानता दी गई है, इन शक्तियों के माध्यम से ही विभिन्न समस्याओं पर विजय प्राप्त की जा सकती है।
माँ गौरी की पूजा और व्रत करने से महागौरी प्रसन्न होती है, और सुख समृद्धि के साथ आयु में वृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
यूनेस्को ने विश्व धरोहर की सूची में कर्नाटक के होयसल के पवित्र मंदिर एवं पश्चिम बंगाल के शांति निकेतन को शामिल किया है।
माता लक्ष्मी ने धरती लोक जाकर राजा बलि को रक्षासूत्र बांधकर उन्हें अपना भाई बनाया और उपहार में भगवान विष्णु को माँग लिया।
कृष्ण अच्युत हो या न हो, पर होनी को कौन टाल सकता है। विदुर सहज हुए और राजसभा जाने की तैयारी करने लगे। पारंसवी पुनः बोली, “भूलना मत। उन्हें साथ ले आना खाने पर।”