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आपने जाति-व्यवस्था या वर्ण व्यवस्था के बारे में तो सुना ही होगा? उसके पक्ष-विपक्ष में जो राय वामपंथियों की होती है और जो विचार तथाकथित दक्षिणपंथी कहलाने वाले (असल में एक पार्टी-नेता के समर्थकों की भीड़) के होते हैं, उनमें अंतर क्या है?
नेहरू के हाथों में सत्ता के नैतिक हस्तांतरण और स्थिर एवं न्यायसंगत शासन के सूचक के रूप में मद्रास से लाया गया, शिव के आशीर्वाद रूप में पवित्र धर्म-दंड अर्थात् तमिल भाषा में चोल काल से चला आ रहा परम्परागत संगोल दिया गया।
यही कारण है कि बनाने वालों ने दण्ड के ऊपर नन्दी की मूर्ति लगाई होगी। धर्म सबसे ऊपर है। सेंगोल राजदण्ड नहीं, वस्तुतः धर्मदण्ड है।
ASI के तत्कालीन डायरेक्टर द्वारा यह कहा गया था कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भारत की खोई हुई प्राचीन कलाकृतियों को वापस लाने में तेजी आई थी।
सावित्री ने मन ही मन कहा, जीवन भर अपने धर्म पर अडिग रही हूँ ईश्वर! ऐसे कैसे ले लोगे मेरे पति के प्राण? नहीं ले सकते। वह मेरी सम्पत्ति है।
25 वर्ष का युवा कथावाचक बिहार आता है और दूसरे ही दिन 8-10 लाख की भीड़ उमड़ती है तो यह सिद्ध होता है कि अब भी देश की सबसे बड़ी शक्ति उसका धर्म है
राम मंदिर में गोपुरम के होने से दक्षिण भारतीय भक्तों को मंदिर में प्रवेश करते ही घर जैसा प्रतीत होगा जिससे वह इसे पूरी तरह से अपना सकेंगे।
वे अश्रु ही तो भरोसा दिलाते हैं कि वे हमारी बांह नहीं छोड़ेंगे। जो अपने भक्तों की पीड़ा देख कर रो पड़ता हो, उससे बड़ा देवता कौन हो सकता है? उससे अधिक अपना कौन हो सकता है?
मूर्ति की पहचान होने पर जांच एजेंसियों ने अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से इस मामले में सहायता मांगी थी। इस मामले में पता चला था कि हनुमान जी की यह मूर्ति को न्यूयॉर्क में एक नीलामी में बेचा गया था और ऑस्ट्रेलिया के एक व्यक्ति ने इसे खरीदा था।
जब भगवान श्री राम का राज्याभिषेक हुआ था, तब भी विश्व की चारों दिशाओं के समुद्रों और नदियों का जल इसी तरह कलशों में भरकर लाया गया था। वाल्मीकि रामायण के युद्धकाण्ड के 128वें सर्ग में बताया गया है कि कैसे भरत जी ने यह योजना बनाई, सुग्रीव ने इसे और बड़ा रूप दिया