भारत की क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने और अभ्यर्थियों के लिए परीक्षाओं को सुगम बनाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बड़ा निर्णय लिया है। गृह मंत्रालय ने केन्द्रीय सशस्त्र बलों (CAPF) की कांस्टेबल जनरल ड्यूटी (GD) भर्ती परीक्षा को हिंदी एवं अंग्रेजी के अतिरिक्त 13 अन्य भाषों भाषाओं में कराने का निर्णय लिया है।
गृह मंत्रालय के इस निर्णय से अभ्यर्थियों को काफी फायदा होगा क्योंकि अब वह यह परीक्षाएं अपनी भाषा में दे पाएंगे। यह भाषाएँ – असमिया, बंगाली, गुजराती, मराठी, मलयालम, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, ओडिया, पंजाबी, उर्दू, मणिपुरी और कोंकणी हैं।
गृह मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज द्वारा यह जानकारी दी है। केन्द्रीय सशस्त्र बलों के लिए यह भर्ती परीक्षा कर्मचारी चयन आयोग (Staff Selection Commission) कराता है। इसमें चयनित होने वालों युवाओं को असम राइफल्स, सीमा सुरक्षा बल, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल जैसे पैरामिलिट्री बलों में शामिल किया जाता है।
कम्प्यूटर के माध्यम से होने वाली यह परीक्षा अभी तक मात्र हिंदी या अंग्रेजी में दी जा सकती थी। केंद्र सरकार ने यह निर्णय लेकर अन्य भाषा में पढ़ाई करने वाले अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी है। इस कदम को प्रधानमन्त्री मोदी ने युवाओं को नए पंख देने वाला बताया है।
गौरतलब है कि हाल ही में गृह मंत्रालय ने लगभग 1.30 लाख पद इन केन्द्रीय सुरक्षा बलों में भर्ती के लिए जोड़े थे। 21 मार्च 2023 को लोकसभा में दिए गए एक उत्तर में गृह मंत्रालय ने यह सूचित किया है कि वर्तमान में देश के केन्द्रीय सुरक्षा बलों में लगभग 85 हजार पद खाली हैं।
केंद्र सरकार लगातार इन बलों में भर्ती के लिए विज्ञापन निकालती रहती है। 3 चरणों में सम्पन्न होने वाली यह परीक्षा बड़े स्तर पर रोजगार के मौके भी प्रदान करती है। लोकसभा में दिए गए उत्तर में केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी बताया है कि उसने पिछले 6 माह में 30 हजार से अधिक नई भर्तियाँ इन सुरक्षा बलों में पूर्ण की हैं।
लोकसभा में दिए गए एक अन्य उत्तर में केंद्र सरकार ने यह भी सूचित किया था कि वर्तमान में गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सभी विभागों में लगभग 1.4 लाख पद खाली हैं जिनपर भर्ती की प्रक्रिया लगातार या तो जारी है या जल्द ही प्रारम्भ की जाएगी। कोरोना महामारी के कारण दो सालों तक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगे रहने के कारण भर्तियों की प्रक्रिया काफी प्रभावित हुई है।
आने वाले समय में अन्य परीक्षाओं में भी हिंदी एवं अंग्रेजी के अतिरिक्त भारत की अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा कराए जाने की आशा है।
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