बंगाल के बाद राजस्थान के जयपुर के पापड़ गांव में एक महिला का अधजला शव सड़क किनारे मिलने का मामला सामने आया है। महिला का शव क्षत-विक्षत अवस्था में मिला है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया है। जानकारी के अनुसार महिला का सिर फोड़कर उसकी हत्या की गई थी। उसके बाद हत्यारों ने पहचान छिपाने के लिए किसी ज्वलनशील पदार्थ से शव को जला दिया।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुँच कर एफएसएल टीम को मौके पर बुलाया और साक्ष्य एकत्रित किए हैं। एसीपी (बस्सी) फूलचंद मीना ने जानकारी दी है कि सुबह करीब 7.30 बजे कानोता के पापड़ गांव में सड़क किनारे महिला की अधजली लाश मिली है। मामले की जांच की जा रही है।
एसीपी ने बताया कि देर रात किसी वाहन के जरिए शव को ठिकाने लगाने के लिए पापड़ गांव में सुनसान जगह ले जाया गया। शव को आग लगाने के बाद हत्यारे उसे जलता छोड़कर ही फरार हो गए।
फिलहाल पुलिस द्वारा रेप की पुष्टि नहीं की गई है लेकिन इसकी संभावनाओं पर भी गौर किया जा रहा है। एसएचओ (कानोता) भगवान सहाय ने जानाकारी दी है कि मृतका का आधा चेहरा और कपड़े में लाल रंग का कुर्ता अधजला बचा है। नाइलोन के सफेद कपड़े में शव को बांधकर फेंका गया था। चेहरे और सिर पर खून के निशान हैं।
उनका कहना है कि प्राथमिक जांच के आधार पर लग रहा है कि मृतका के सिर पर भारी चीज से वार कर हत्या की गई है। मृतका की उम्र करीब 25 वर्ष है। चेहरा भी आधा जलने के कारण उसकी पहचान नहीं हो सकी है।
पुलिस ने मौके से शव बरामद करके एसएमएस अस्पताल के मुर्दाघर में रखवा दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही अन्य जानकारी सामने आने की संभावना है। इसके साथ ही पुलिस द्वारा मृतका की पहचान के लिए जयपुर शहर और ग्रामीण थानों में सूचना दे दी है।
वहीं राजस्थान में बीते वर्षों में महिला अत्याचारों का आंकड़ा बढ़ा है। ऐसे में इस प्रकार की भयानक घटनाएं सामने आने से गहलोत सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला का कहना है कि राजस्थान से दिन प्रतिदिन महिला उत्पीड़न की घटनाएं सामने आ रही हैं। यह कोई पहली घटना नहीं है। दो दिन पहले सीकर में भी एक बच्ची के साथ कुकर्म करके उसे कुँए में फेंक देने की घटना सामने आई थी।
पूनावाला का कहना है कि राजस्थान के जयपुर, भीलवाड़ा, हनुमानगढ़, करौली और कई स्थानों से महिला उत्पीड़न की घटनाएं सामने आ रही हैं। इतने उत्पीड़ने के बाद भी ‘लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ’ के नारे देने वाली प्रियंका वाड्रा और राहुल गांधी न तो इसकी बात करते हैं न ही पीड़ितों से मिलते हैं। देश में अन्य कहीं पर भी इस प्रकार की घटना सामने आने पर वे अपना चयनात्मक आक्रोश प्रकट करते हैं और ‘वल्चर पॉलिटिक्स’ करने पहुँच जाते हैं।
उल्लेखनीय है कि बीते वर्षों में राजस्थान में महिला उत्पीड़न के आंकड़ों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। प्रदेश महिला रेप के मामले में देश में पहले नंबर पर आता है।
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